श्री हरि द्वार आश्रम में सत्संग एवं भजन-कीर्तन का कार्यक्रम 13 से

हरिद्वार, 12 अप्रैल (हि.स.)। संत ज्ञानेश्वर स्वामी सदानन्द परमहंस की स्थापित संस्था सदानन्द तत्वज्ञान परिषद् के तत्वावधान में 13 से 15 अप्रैल तक श्री हरि द्वार आश्रम में सत्संग और भजन कीर्तन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें जिज्ञासुजनों को संसार, शरीर, जीव, ईश्वर के संबंध में जानकारी दी जाएगी।

संस्था के महात्मा दशरथ ने कहा कि आज का मानव धर्म और भगवान को भूल चुका है, जबकि धर्म ही वह विधान है, जिससे मानव का सुधार और उद्धार संभव है। अब अगर कोई अपना सुधार और उद्धार चाहता है तो उसे भगवान और धर्म को जानकर उसके अनुसार रहना होगा। उन्होंने कहा कि भगवान एक था, एक है, एक ही रहने वाला परम सत्ता शक्ति है। उन्होंने कहा कि आज हर महत्वाकांक्षी गुरु, सद्गुरु, जगतगुरु, श्रीश्री, श्री 108, अनंत श्री आदि पदवी ले लेकर अपने शिष्याें के मानस में भगवान बन रहे हैं और जाने अनजाने उनके धन और धर्म भाव का शोषण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब की ये गुरु लोग शरीर में रहने वाले चेतन जीव को भी नहीं जानते और न परमात्मा को ही जानते हैं। ना जानकर आत्मा को ही जीव और आत्मा को ही परमात्मा घोषित करने कराने में लगे हैं ।

संस्था के प्रमुख सेवक कमल ने कहा कि संत ज्ञानेश्वर ने अपने भक्ताें को तत्वज्ञान को ही देकर संसार, शरीर, जीव, आत्मा, परमात्मा का पृथक-पृथक साक्षात दर्शन कराया है। कमल ने कहा कि वैशाखी पर्व पर सत्संग कार्यक्रम और भगवद् शोभायात्रा का 16 अप्रैल को हरिद्वार क्षेत्र में बाजे गाजे के साथ निकाली जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/सत्यवान/सुनील

   

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