स्वयं सहायता समूह से जुड़कर महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा: राज्यपाल

लखनऊ, 12 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को राजभवन में भिक्षावृत्ति से जुड़ी वंचित महिलाओं एवं लड़कियों को सशक्त बनाने के कौशल सह आजीविका सृजन कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इन महिलाओं के लिए ब्यूटी एण्ड वेलनेस प्रशिक्षण केन्द्र की शुरूआत की गई।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आज अच्छे काम की शुरुआत हो रही है। महिलाओं ने भिक्षावृत्ति की सोच छोड़ बच्चों और परिवार को आगे बढ़ाने की सोच विकसित हुई है। सोच कमिटमेंट में बदलती है तो अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। बच्चों को स्कूल भेजने और प्रेरित करने का काम माताएं करती हैं। छोटी उम्र में सीखा गया कार्य तुरंत याद हो जाता है।

राज्यपाल ने कहा कि स्वयं सहायता समूह से जुड़कर महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है और आज पूरे भारत में लाखों महिलाएं समूह से जुड़ी हैं और अच्छा कार्य कर रही हैं। आज समूह की महिलाएं अन्य महिलाओं के लिए नेतृत्वकर्ता की भूमिका का भी निर्वहन कर रही हैं। स्वयं सहायता समूह ने महिलाओं की सोच को परिवर्तित किया है।

राज्यपाल ने कहा कि जब समूह में कार्य होते हैं तो परिवार भी महिलाओं को बाहर निकलने की अनुमति दे देते हैं। उन्होंने ऐसे प्रकरण भी बताएं, जहां महिलाओं ने पारिवारिक विरोध के बाद भी स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर कार्य सीखा और अपने साथ-साथ परिवार का विकास भी किया। महिलाएं जब आत्मनिर्भर होती हैं, तो अपने साथ-साथ अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने में योगदान देती हैं।

उन्होंने भिक्षावृत्ति छोड़ कौशल प्रशिक्षण से जुड़ कर महिलाओं को प्रतिबद्धता से कार्य करने व स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। उन्होंने समाज के अति निम्न वर्ग और अत्यधिक उच्च वर्ग की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए उच्च वर्ग को निम्नवर्ग की सहायता से जोड़ने को कहा। इसी क्रम में उन्होंने साड़ी बैंक की शुरुआत और उसकी सफलता का उदाहरण भी दिया।

उन्होंने महिलाओं के कौशल विकास के लिए सहयोगी संस्थाओं से कहा कि प्रशिक्षण के लिए दी गई सामग्री के बेहतर उपयोग और प्रशिक्षण के परिणामों की निरन्तर समीक्षा करें। प्रशिक्षण प्राप्त सदस्यों को अपने अर्जित धन का समुचित उपयोग, कार्यों को प्रतिबद्धता से सम्पादन करना भी सिखाएं। प्रशिक्षण देने वाली संस्था को प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं के परिवार में सहयोग देने, उत्पाद निर्मित करने सामग्री उपलब्ध करवाने और कार्य निष्पादन में सक्षम होने तक सहायता प्रदान करने को कहा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने राज्यपाल द्वारा किए गए अभिनव कार्यों की चर्चा करते हुए भिक्षावृत्ति से जुड़े बच्चों और महिलाओं के उत्थान के लिए किए जा रहे कार्यों को अद्वितीय बताया। उन्होंने ‘उम्मीद’ संस्था द्वारा प्रारम्भ से इस दिशा में किए गए कार्यों से राज्यपाल के जुड़ाव और सहयोग की जानकारियां भी दी। उन्होंने कहा कि देश में हर परिवार रोजगार से जुड़े तथा हर बच्चा शिक्षा से जुड़े।

इस अवसर पर सूडा के निदेशक अनिल पाठक ने वंचित वर्ग की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न अनुदानों, योजनाओं, एनजीओ द्वारा दी जाने वाली सहायता सम्बन्धी जानकारियां प्रदान की।

सिडबी के महाप्रबंधक मनीष सिन्हा ने कहा कि सिडबी का प्रयास है कि इन महिलाओं को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाए। सुदूर क्षेत्रों में जहां सुविधाओं की कमी है। वहां उन्हें स्थानीय उत्पादों के निर्माण के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है और उनके द्वारा तैयार उत्पादों की बिक्री के लिए बाजार भी उपलब्ध कराया जाता है। सुदूरवर्ती ग्रामों से महिलाओं का चयन करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहायता दी जा रही है।

कार्यक्रम में भिक्षावृत्ति छोड़ ब्यूटी पार्लर के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करने जा रही महिलाओं व क्राइस्ट चर्च स्कूल द्वारा गोद लिए गए बच्चों ने अपनी आपबीती सुनाई। राज्यपाल ने बच्चों की शिक्षा और महिलाओं के प्रशिक्षण में शामिल सहयोगी संस्थाओं सिडबी, क्राइस्ट चर्च स्कूल तथा लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधियों को सम्मानित कर उनका हौसला वर्धन किया।

हिन्दुस्थान समाचार/दीपक/मोहित

   

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