अध्यात्म के जागरण से ही भारत विश्वगुरु बनेगा : सतपाल महाराज
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- Apr 13, 2024
हरिद्वार, 13 अप्रैल (हि.स.)। आज हमारा भारतवर्ष पूरे विश्व में अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। विश्व में अब हमारा नाम अग्रणी देशों में लिया जाने लगा है। संसार के अंदर अध्यात्म का प्रचार जगह-जगह हो रहा है और यह सब हमारे ऋषि, मुनियों, संतों और महान पुरुषों की ही देन है। भारतवर्ष में जब अध्यात्म का जागरण होगा तो भारत पुन: विश्वगुरु बनेगा।
मानव उत्थान सेवा समिति और श्री प्रेम नगर आश्रम के तत्वावधान में आयोजित सद्भावना सम्मेलन में आध्यात्मिक गुरु सतपाल महाराज ने कहा कि बैसाखी का पर्व हमें याद दिलाता है कि गुरु महाराज की रक्षा के लिए चालीस वीरों ने लड़ते-लड़ते मुगलों को परास्त किया और अपने प्राणों की आहुति दी। गुरु महाराज ने चालीस वीर बलिदानियों को चालीस मुक्ता कहा, तो उस स्थान का नाम मुक्तसर पड़ गया। आज भी वहां पर गुरुद्वारा है। लोग वहां पर दर्शन करने के लिए बड़ी आस्था के साथ जाते हैं। संतों ने कहा है कि जब हम धर्म की रक्षा करेंगे तभी धर्म हमारी रक्षा करेगा। इसलिए धर्म की रक्षा के लिए हम सबको कटिबद्ध होना होगा, तभी जाकर हमारा देश मजबूत होगा, हमारा समाज सुरक्षित रहेगा।
उन्होंने कहा हम भूल जाते हैं कि हम क्या हैं। इसलिए अपने गौरवशाली इतिहास धर्म और अध्यात्म का अध्ययन और अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मन को एकाग्रचित्त करना है, मन जो संसार में भटक रहा है, इसको वहां से रोक कर परमपिता परमात्मा पर केंद्रित करना है। भगवान श्री कृष्ण ने भी कहा है कि हे अर्जुन, सब काल में निरंतर मेरे नाम और स्वरूप का ध्यान करते हुए मेरा सुमिरन करें। हमारे अंदर वह कौन सी वस्तु है जो निरंतर चल रही है? इसलिए इस श्वांसरूपी माला को जानने के लिए सतगुरु की शरण में आकर ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। भजन और सुमिरन करके अपना कल्याण करना चाहिए।
इस अवसर पर माता अमृता ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन महात्मा हरिसंतोषानंद ने किया।
हिन्दुस्थानसमाचार /रजनीकांत/सत्यवान/रामानुज