रामचरितमानस देती है समरसता का संदेश : डॉ अनिरुद्ध महाराज

--मां कल्याणी ने दिए भक्तों को स्कंदमाता के रूप में दर्शन

प्रयागराज, 13 अप्रैल (हि.स.)। श्री नव सम्वत्सर मानव समिति कल्याणी देवी द्वारा मां कल्याणी देवी परिसर में आयोजित 52वीं संगीतमय श्री राम कथा के पंचम दिवस पर भक्तों को श्रीराम कथा का रसपान कराते हुए व्यास डॉ अनिरुद्ध महाराज ने भरत चरित्र पर दर्शन डाला। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस समरसता का संदेश देती है।

उन्होंने कहा कि भरत स्वयं में त्यागी हैं जिससे हमारे भारत देश में त्याग के भावना की प्रेरणा मिलती है। व्यासजी कथा सुनाते हुए कहते हैं कि भरत प्राप्त राजगद्दी को छोड़कर कहते हैं कि भोर होते ही मैं चला जाऊंगा, जहां भगवान राम गए हैं। भरत ने कहा है कि ‘सम्पत्ति सब रघुपति के आहीं’ अर्थात सारी सम्पदा राम की है और यही सम्पदा ही भगवान राम के दर्शन में बाधक है। इसीलिए इसे तत्काल छोड़ देना चाहिए। तब वशिष्ठ मुनि ने राय दिया की तिलक चंदन सब लेते चलो और वहीं राम जी का राजतिलक कर देंगे। गुरु वशिष्ठ तीनों माताओं एवं भाई शत्रुघ्न को लेकर सारी सेना एवं प्रजा के साथ श्रृंगवेरपुर पहुंच गए। भरत को सेना सहित आते देख केवट ने सोचा कि या तो कोई शत्रु है और यदि यह राम को मारने जा रहे हैं तो इन्हें रात्रि में ही समाप्त कर दूंगा। निषादराज के एक बुजुर्ग द्वारा सलाह देने पर भरत से मिलने का निर्णय लिया और परस्पर संवाद से संदेह दूर हुए।

मां कल्याणी देवी मंदिर धाम के अध्यक्ष सुशील कुमार पाठक एवं श्याम पाठक ने बताया कि मां कल्याणी देवी के धाम में आज नवरात्रि के पंचम दिवस पर मां कल्याणी का स्कंदमाता स्वरूप का श्रृंगार दर्शन किया गया। नित्य की भांति शाम 7 से 11 बजे तक राम कथा प्रातः 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक शाम 4 से 7ः30 बजे तक शतचंडी महायज्ञ और प्रातः 5 से 11 बजे तक देवी माता का पूजन अर्चन एवं शाम 7 बजे प्रतिदिन महाआरती कराई जा रही है।

कथा का संचालन प्रवक्ता ओंकार नाथ त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर कृष्ण कुमार पाठक, अनिल कुमार पाठक, महामंत्री सुबोध खन्ना, कोषाध्यक्ष रजत चड्ढा, राजेश केसरवानी, , रतन अग्रवाल आदि ने आरती की और प्रसाद वितरण किया।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/बृजनंदन

   

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