कुमाऊं विश्वविद्यालय के दो छात्र चेक गणराज्य में करेंगे शोध

नैनीताल, 15 अप्रैल (हि.स.)। यूरोपीय देश चेक गणराज्य में शोध के लिए कुमाऊं विश्वविद्यालय के दो छात्रों दीवान उनियाल और मयंक पाठक का चयन हुआ है। दीवान चेक गणराज्य के मुख्य नगर प्राग में ‘इंस्टीट्यूट ऑफ मैक्रो मॉलिक्युलर केमिस्ट्री’ में दस माह शोध करेंगे। जबकि मयंक का चयन चेक गणराज्य के प्रतिष्ठित संस्थान ‘जे हेरोस्की इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल केमिस्ट्री’ में पोस्ट डॉक्टोरल पद पर हुआ है।

विश्व प्रसिद्ध संस्था यूनेस्को और आईयूपीएसी प्रत्येक वर्ष कुछ छात्रों को यूरोपीय देश चेक गणराज्य में शोध के लिए चयनित करती है और छात्रवृत्ति प्रदान करती है। इस योजना के तहत कुमाऊं विश्वविद्यालय के इन दो छात्रों का चयन हुआ है। बताया गया है कि ‘जरोसलाव हेरोस्की इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल केमिस्ट्री’ विश्व प्रसिद्ध जरोसलाव हेयरोवस्की के नाम पर है, जो ‘इलेक्ट्रो एनालिटिकल मैथड’ के पिता माने जाते हैं। उन्हें विज्ञान जगत में विशेष योगदान के लिए वर्ष 1959 में नोबेल प्रदान किया गया था।

मयंक इस प्रतिष्ठित संस्थान में कई नवीन उत्पादों पर शोध करेंगे तथा इनकी ऊर्जा संयंत्रों जैसे बैटरी और सुपरकैपेसिटर के लिए प्रासंगिकता की जांच करेंगे।

इस उपलब्धि के लिए दोनों छात्रों ने पूरे कुमाऊं विश्वविद्यालय परिवार को धन्यवाद दिया है। साथ ही अपने माता-पिता के प्रति कृतज्ञता प्रकट की है।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ.नवीन जोशी/सत्यवान/रामानुज

   

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