लोस चुनाव : फतेहपुरी सीकरी के बुलंद दरवाजे पर किसका होगा झंडा बुलंद

लखनऊ, 17 अप्रैल (हि.स.)। फतेहपुरी सीकरी अकबर के दौर में मुगलिया सल्तनत की राजधानी हुआ करती थी। फतेहपुर सीकरी लोकसभा मुगलकालीन स्मारकों, बुलंद दरवाजा और शेख सलीम चिश्ती की दरगाह के लिए विख्यात है। फतेहपुर सीकरी का संबंध देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी से भी माना जाता है। इसी जिले में बाह असेंबली सीट भी आती है, जिसमें भगवान शंकर के प्रसिद्ध बटेश्वरनाथ मंदिर है। वहां पर पूर्व पीएम बाजपेयी की बचपन में घूमने और खेलने की अनेक मधुर स्मृतियां हैं। बुलंद दरवाजा की इस नगरी में कभी जनता ने एक बार के बाद दोबारा सांसद को मौका नहीं दिया। फतेहपुर सीकरी में तीसरे चरण यानी 7 मई को चुनाव होना है।

फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट का इतिहास

फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट ब्रज क्षेत्र में आती है। आगरा से अलग होकर 2008 में फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट अस्तित्व में आई। 2009 में यहां पहली बार लोकसभा का चुनाव हुआ। सूबे में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सरकार थी। तत्कालीन ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय ने पत्नी सीमा को चुनावी अखाड़े में उतारा। कांग्रेस से राजबब्बर ने ताल ठोंकी। महज दस हजार वोट के अंतर से राजबब्बर को हराकर सीमा उपाध्याय सांसद बन गई। भाजपा के अरिदमन सिंह तीसरे नंबर पर रहे। 2014 के चुनाव में मोदी लहर आई। भाजपा ने चौधरी बाबूलाल को प्रत्याशी बनाया। चौधरी बाबू लाल ने बसपा प्रत्याशी सीमा उपाध्याय को हराकर पहली दफा भाजपा का खाता खोला। 2019 में भाजपा ने राजकुमार चाहर को मैदान में उतारा। चाहर ने कांग्रेस प्रत्याशी राजबब्बर को हराया। राजकुमार चाहर ने राजबब्बर को करीब पांच लाख वोट से शिकस्त देकर प्रदेश की सबसे बड़ी जीत का तोहफा भाजपा को दिया।

पिछले दो चुनावों का हाल

साल 2019 के लोकसभा चुनावों की बात करें तो भाजपा ने इस सीट पर राजकुर चाहर को मैदान में उतारा था। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार राज बब्बर को मात दी थी। चाहर को 667,147 (64.24%) वोट मिले थे। वहीं राज बब्बर को 172,082 (16.574%) वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर नोटा रहा। 10692 वोटरों ने नोटा को विकल्प चुना था।

अब बात करें साल 2014 लोकसभाचुनाव की तो भाजपा की ओर से चौधरी बाबू लाल ने चुनाव लड़ा था। उन्होंने बसपा की सीमा उपाध्याय को मात दी थी। भाजपा उम्मीदवार को जहां 426,528 (44.06%) वोट मिले थे। तो वहीं बसपा उम्मीदवार को 253,483 (26.18%) वोट मिले थे। सपा प्रत्याशी रानी पक्षालिका सिंह 213,397 (22.04%) वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रही थी।

किस पार्टी ने किसको बनाया उम्मीदवार

भाजपा ने इस सीट पर लगातार दूसरी बार राजकुमार चाहर को प्रत्याशी बनाया है। तो वहीं बसपा ने रामनिवास शर्मा को उम्मीदवार घोषित किया है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) गठबंधन में ये सीट कांग्रेस के खाते में आई है। कांग्रेस ने रामनाथ सिकरवार पर दांव लगाया है।

फतेहपुरी सीकरी का जातीय समीकरण

फतेहपुरी सीकरी लोकसभा उत्तर प्रदेश की सीट नंबर-19 है। फतेहपुर सीकरी सीट सीट के लिए 17.94 लाख वोटर पंजीकृत हैं। 9,69,964 लाख पुरुष और 8,24,729 लाख महिलाएं हैं। इनके अलावा 54 थर्ड जेंडर हैं। इस सीट पर सर्वाधिक संख्या में 3.50 लाख से अधिक ब्राह्मण मतदाता हैं। इसके बाद क्षत्रिय समाज के 3.10 लाख करीब हैं। 2.50 लाख जाट, 2 लाख जाटव, 1.50 लाख निषाद, 2.25 लाख मुस्लिम, कुशवाह और वैश्य एक से डेढ़ लाख की संख्या का अनुमान है। इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या करीब 80 हजार के करीब है।

विधानसभा सीटों का हाल

फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र में फतेहपुर सीकरी, आगरा ग्रामीण, बाह, फतेहाबाद और खेरागढ़ कुल पांच विधानसभा क्षेत्र हैं। लोकसभा क्षेत्र की सभी विधानसभा सीटों पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है।

दलों की जीत का गणित और चुनौतियां

क्षत्रिय, ब्राह्मण बाहुल्य सीकरी सीट पर कांग्रेस ने क्षत्रिय तो बसपा ने ब्राह्मण प्रत्याशी उतारकर इसके संकेत दिए हैं। उधर, बीजेपी ने जाट समुदाय के राजकुमार चाहर को फिर से टिकट दी है। जातिगत आंकड़ों पर आधारित सियासत के इस खेल में भाजपा ने विपक्ष को पछाड़ने के लिए खास रणनीति तैयार की है, जिससे विपक्ष के पसीने छूट रहे हैं। राजकुमार चाहर जमीन से जुड़े होने के साथ युवाओं की पसंद हैं। किसान नेता के रूप में उनके प्रयासों को सराहा गया है। भाजपा प्रत्याशी राजकुमार चाहर अपने चुनाव प्रचार में विपक्ष के साथ-साथ अपने सामाजिक विरोधियों से भी जूझ रहे हैं। बसपा और इंडिया गठबंधन भी अपने-अपने वोट बैंक को साधने में लगा है।

राजनीतिक विशलेषक राघवेन्द्र मिश्र के अनुसार, पिछले चुनाव में क्षत्रिय प्रत्याशी नहीं होने के कारण भाजपा प्रत्याशी को अधिक वोट मिल गए। मगर अब त्रिकोत्रीय संघर्ष बना हुआ है। बीजेपी को क्षत्रिय और ब्राह्मण वोट बैंक को साधने के साथ-साथ अपने प्रत्याशी की एंटी इनकंबेंसी का विरोध भी झेलना पड़ रहा है। बावजूद इसके यहां भाजपा स्ट्रांग पोजीशन में है।

फतेहपुर सीकरी से कौन कब बना सांसद

2009 सीमा उपाध्याय (बसपा)

2014 चौधरी बाबूलाल (भाजपा)

2019 राजकुमार चाहर (भाजपा)

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. आशीष वशिष्ठ/बृजनंदन

   

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