आरटीई के तहत हर हाल में छात्रों काे दाखिला दे काेटा पूरा करें विद्यालय : जिलाधिकारी
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- Dec 02, 2025
कानपुर, 02 दिसंबर (हि.स.)। कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत शैक्षणिक सत्र 2026–27 में होने वाले दाखिले की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक हुई। बैठक में बताया गया कि जनपद में राइट टू एजुकेशन पोर्टल पर 1629 विद्यालय दर्ज हैं।
ग्रामीण–शहरी क्षेत्रों में सीटों का पूरा ब्योरा
इन विद्यालयों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत दुर्बल एवं अलाभित समूह के बच्चों के लिए कुल 16,160 सीटें आरक्षित रखी गई हैं। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 3825 और शहरी क्षेत्रों के लिए 12,335 सीटें शामिल हैं। कानपुर नगर में कक्षा एक में 8,419 और प्री-प्राइमरी में 7,741 सीटें इन वर्गों के लिए आरक्षित रहेंगी।
निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत प्रवेश अनिवार्य
हाल ही में जारी शासनादेश के अनुसार गैर सहायतित मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में कक्षा एक और पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में आसपास के दुर्बल और अलाभित वर्ग के बच्चों को कुल छात्र संख्या का कम से कम 25 प्रतिशत प्रवेश देना अनिवार्य होगा। जिन विद्यालयों में पूर्व प्राथमिक शिक्षा की व्यवस्था है, वहां यह 25 प्रतिशत आरक्षण व्यवस्था प्रारंभिक कक्षा से ही लागू होगी। इन बच्चों को कक्षा आठ तक निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा दी जाएगी।
फीस सरकार देगी, अभिभावकों से वसूली पर होगी कार्रवाई
अधिनियम के अंतर्गत होने वाले सभी दाखिलों की फीस सरकार द्वारा जमा की जाएगी। यदि किसी विद्यालय द्वारा अभिभावक से किसी भी प्रकार की अतिरिक्त फीस ली जाती है तो उस विद्यालय के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार प्रति बच्चे पांच हजार रुपये की आर्थिक सहायता पाठ्य पुस्तकों, अभ्यास पुस्तिकाओं और यूनिफॉर्म के लिए देगी, जो सीधे अभिभावक के बैंक खाते में भेजी जाएगी।
किन बच्चों को मिलेगा अलाभित वर्ग का लाभ
अलाभित समूह में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा वर्ग, निःशक्त बच्चे, एचआईवी या कैंसर पीड़ित माता-पिता के बच्चे तथा निराश्रित बेघर बच्चे शामिल होंगे। इस वर्ग के लिए आय की कोई सीमा तय नहीं की गई है।
दुर्बल वर्ग के लिए आय सीमा निर्धारित
दुर्बल वर्ग में वे बच्चे शामिल होंगे जिनके माता-पिता या संरक्षक अंत्योदय कार्ड धारक हों, दिव्यांग पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन या विधवा पेंशन प्राप्त करते हों तथा जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये तक हो।
किन स्कूलों पर लागू होगा आरटीई कानून
यह अधिनियम सीबीएसई, आईसीएसई और उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त सभी विद्यालयों पर लागू होगा। अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को इस अधिनियम की परिधि से बाहर रखा गया है।
ऑनलाइन आवेदन और लॉटरी से होगा चयन
दाखिले की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। आवेदन करते समय अभिभावक अपने आसपास स्थित विद्यालयों में से प्राथमिकता क्रम के अनुसार अधिकतम दस विद्यालयों का चयन कर सकेंगे। आसपास की परिभाषा ग्राम पंचायत अथवा नगर पंचायत, नगर पालिका या नगर निगम के वार्ड के आधार पर तय की जाएगी। जिस ग्राम पंचायत या वार्ड में विद्यालय होगा, उसी क्षेत्र के पात्र बच्चों को उस विद्यालय में प्रवेश का लाभ मिलेगा। विद्यालयों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा।
दो स्तर पर सत्यापन, फर्जी दस्तावेज पर कानूनी कार्रवाई
योजना के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का दो स्तर पर सत्यापन किया जाएगा। यदि सत्यापन के दौरान किसी भी प्रकार के फर्जी या कूट रचित दस्तावेज पाए जाते हैं तो बच्चे का प्रवेश निरस्त कर दिया जाएगा और माता-पिता या अभिभावक के विरुद्ध विधिक कार्रवाई भी की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप



