सेना ने आईआईटीजी के साथ एपॉक्सी बांस-आधारित सामग्री के लिए किया समझौता

भारतीय सेना और आईआईटी गुवाहाटी के बीच हुए समझौते से संबंधित तस्वीर।भारतीय सेना और आईआईटी गुवाहाटी के बीच हुए समझौते से संबंधित तस्वीर।

गुवाहाटी, 04 फरवरी (हि.स.)। भारतीय सेना की गजराज कोर और आईआईटी गुवाहाटी ने उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बंकर निर्माण के लिए एपॉक्सी बांस-आधारित मिश्रित सामग्री के अनुसंधान, डिजाइन और निर्माण हेतु एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह सामग्री पारंपरिक निर्माण सामग्रियों का स्थान लेगी।

इस परियोजना के तहत उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कई रक्षा संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा, जिनका फील्ड ट्रायल किया जाएगा। इन संरचनाओं को छोटे हथियारों की फायरिंग और पूरे मौसम चक्र की चुनौतियों का सामना करना होगा। यह पैनल पारंपरिक सामग्रियों के समान सुरक्षा प्रदान करेंगे, लेकिन हल्के होने के कारण सामग्री परिवहन में कम समय और प्रयास लगेगा, जिससे सेना की तैनाती में मजबूती आएगी।

समझौते पर हस्ताक्षर मेजर जनरल रोहिन बावा, वाईएसएम, जीओसी, रेड हॉर्न्स डिवीजन और प्रो. देवेंद्र जालिहाल, निदेशक, आईआईटी गुवाहाटी की उपस्थिति में हुए। यह पहल भारतीय सेना की क्षमता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो दशक का परिवर्तन के सेना प्रमुख के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

यह साझेदारी केवल एक समझौता नहीं, बल्कि एक साझा प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसमें सेना और शैक्षणिक संस्थान मिलकर नई तकनीकों का अन्वेषण कर रहे हैं और आधुनिक युद्धक्षेत्र की चुनौतियों का समाधान खोज रहे हैं।

समारोह में अधिकारी ने भारतीय सेना में उन्नत तकनीकों के एकीकरण पर जोर दिया और इस समझौते के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इस साझेदारी से अभिनव उपलब्धियां सामने आएंगी और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को समर्थन मिलेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश

   

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