भाजपा ने पंडितों पर तारिक कर्रा के अज्ञानतापूर्ण शरारती बयान की निंदा की

जम्मू, 10 मार्च (हि.स.)। पूर्व एमएलसी और भाजपा प्रवक्ता गिरधारी लाल रैना ने जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा के विधानसभा में दिए गए बयान की कड़ी निंदा की है। पीसीसी प्रमुख वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित बजट पर अपने भाषण के दौरान कश्मीरी पंडित समुदाय का जिक्र कर रहे थे। विस्थापित कश्मीरी पंडित समुदाय के मतदान और वोटों पर उनकी टिप्पणी अज्ञानता और शरारत से भरी थी। तारिक कर्रा ने अप्रत्यक्ष रूप से कश्मीर फाइल्स फिल्मों का भी जिक्र किया। इससे साफ पता चलता है कि विस्थापित समुदाय के लिए उनकी प्रत्यक्ष चिंता दिखावटी और सतही थी जिसका उद्देश्य राजनीतिक उद्देश्य हासिल करना था जीएल रैना ने कहा

इस बात पर आश्चर्य जताते हुए कि कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष विस्थापित समुदाय के वोटों के बारे में इतने अज्ञानी कैसे हो सकते हैं पूर्व एमएलसी ने याद दिलाया कि विस्थापन की शुरुआत से ही कश्मीरी पंडित कश्मीर में अपने मूल क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्रों के सामान्य मतदाता रहे हैं। जीएल रैना ने याद किया कि भारत के चुनाव आयोग ने 1996 में विस्थापित समुदाय के मतदान के लिए एक विशेष तंत्र तैयार किया था क्योंकि समुदाय अपने मूल स्थान पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने में सक्षम नहीं था और न ही उन्होंने मूल स्थान पर वापस लौटने का संकल्प छोड़ा था।

यह हेरफेर की गुंजाइश को खत्म करने और हर बार चुनाव होने पर एम-फॉर्म भरने के बोझ को कम करने के लिए किया गया था। जीएल रैना ने आशंका जताई कि अज्ञानता से ज्यादा यह शरारती बयान है जिसका उद्देश्य समुदाय के अपने मातृभूमि के साथ सीमित संबंध को काटना है। पीसीसीआइ अध्यक्ष से एक स्थान पर बसने और विस्थापित समुदाय के बिखरे हुए वोटों को एक स्थान पर एकत्र करने और विस्थापन के कारणों की जांच करने के लिए एक उच्चस्तरीय आयोग की समुदाय की मांग का समर्थन करने के लिए कहते हुए जीएल रैना ने जोर देकर कहा कि तब तक बयान निरर्थक रहेगा। उन्होंने कहा कि समुदाय असली दोषियों को बेनकाब करने के लिए अपना संघर्ष जारी रखेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता

   

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