बास्योड़ा: मां शीतला पर अर्पित व्यंजनों को गीला होने से बचाने के लिए गायत्री परिवार चलाएगा अभियान

जयपुर, 17 मार्च (हि.स.)। शीतलाष्टमी(बास्योड़ा )का पर्व 21 मार्च को मनाया जाएगा। एक दिन पूर्व 20 मार्च को रांधा पुआ को विभिन्न व्यंजन बनाए जाएंगे। इन व्यंजनों का अगले दिन शीतला माता को भोग लगाया जाएगा। शीतला माता को अर्पित किए जाने वाले ठंडे पकवानों को पानी में गीला होकर गलने से बचाने के लिए अखिल विश्व गायत्री परिवार के महिला मंडल की ओर से अभियान चलाया जाएगा। सोमवार को सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने अभियान के पोस्टर का विमोचन करते हुए अभियान की सराहना की।

गायत्री परिवार राजस्थान के समन्वयक ओमप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि गायत्री परिवार की दो-दो महिलाओं की टोली शीतला पूजन करने वाली महिलाओं को आदर पूर्वक निवेदन करेंगी कि प्रसादी का शीतला माता को भोग लगाकर पास रखे पात्र में ही डालें, ताकि यह प्रसादी किसी के काम आ सके. गीली होकर बर्बाद न हो। प्रसाद एकत्र करने के लिए मंदिर में बड़े बर्तन अथवा थैली रखी जाएगी। बाद में यह प्रसादी अनाथालय, कच्ची बस्ती, गौशाला में पहुंचा दी जाएगी ताकि उसका सदुपयोग हो सके। मंदिर में प्रसाद एकत्र करने के लिए यदि कुम्हार परिवार से कोई हो तो और वे प्रसाद घर ले जाना चाहते हैं तो प्राथमिकता उनको ही देनी है।

शीतला माता मंदिर या अन्य मंदिरों में शीतला पूजन स्थान में अभियान से संबंधित बैनर लगाए जा रहे हैं। कई संस्थाओं, संगठनों और युवाओं ने इस अभियान में सहभागी बनने में रूचि दिखाई है। युवाओं ने टोलियां बनाकर मंदिरों में सेवा देने और प्रसाद एकत्र कर जरुरतमंदों तक पहुंचाने का भरोसा दिलाया है।

छह साल से जारी है मुहीम:

उल्लेखनीय है कि गत छह वर्षों से गायत्री परिवार मानसरोवर के महिला मंडल ने शीतलाष्टमी पर पूजन के समय प्रसादी भीगने या खराब होने से बचाने के लिए यह अभियान शुरू किया था। इस बार यह अभियान में पूरे जयपुर और प्रदेश के कई शहरों में चलाया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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