ठाणे मानसिक अस्पताल में रोगी महिलाओं के स्वालंबन हेतू ब्यूटी पार्लर कोर्स
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- Mar 23, 2025

मुंबई,23 मार्च ( हि . स.) । किसी भी प्रतिकूल परिस्थित परिस्थिति में हमेशा हमें स्वालंबी होना चाहिए क्योंकि अपने पैरों पर खड़े हुए बिना इस दुनिया में सरलता से रहना कठिन है। हालाँकि, बड़ा सवाल यह है कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोग खुद को सशक्त बनाने के लिए क्या कर सकते हैं। उपयुक्त उत्तर की तलाश में, ठाणे क्षेत्रीय मनोरोग अस्पताल ने मानसिक रूप से बीमार महिलाओं के लिए ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण पहल शुरू की है। रोटरी क्लब ऑफ मुंबई आर्टिस्ट्स और एनएएसी फाउंडेशन के सहयोग से शुरू की गई इस पहल के माध्यम से अब तक 30 महिला मरीज प्रशिक्षण के तीसरे चरण तक पहुंच चुकी हैं।ठाणे मनोरोग अस्पताल का लक्ष्य मानसिक रूप से बीमार रोगियों की पहचान करना और उनका इलाज करने के साथ-साथ उनके कौशल का विकास करना है। तदनुसार, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. नेताजी मलिक के मार्गदर्शन में व्यावसायिक चिकित्सा विभाग इस पहल को क्रियान्वित कर रहा है। अगस्त 2024 से शुरू होने वाला चार-स्तरीय ब्यूटीशियन कोर्स दो-दो महीने की अवधि का है और प्रत्येक स्तर पर 10 महिला रोगियों को प्रशिक्षित किया जाता है। अब तक प्रशिक्षण का तीसरा चरण पूरा हो चुका है। इस प्रशिक्षण में बुनियादी सौंदर्य सेवाएं, फेशियल, मेकअप और हेयर स्टाइलिंग जैसे कौशल शामिल हैं। प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने वाली महिलाओं को प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है।ब्यूटी पार्लर प्रशिक्षण के साथ-साथ मानसिक रूप से बीमार महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए हस्तशिल्प, त्योहारों और समारोहों के लिए आवश्यक वस्तुएं बनाने तथा अन्य व्यावसायिक कौशल का प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है। इसके चलते वे इलाज कराते हुए आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। इस पहल के सफल कार्यान्वयन के लिए डॉ. हेमांगिनी देशपांडे, डॉ. जानवी केरजारकर, डॉ. अश्लेषा कोली, डॉ. प्राजक्ता मोरे जैसे विशेषज्ञ अथक परिश्रम कर रहे हैं।चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गिरीश चंद्र अग्रवाल ने कहा, हम यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न पहलों का क्रियान्वयन कर रहे हैं कि मानसिक रूप से बीमार महिलाएं उपचार के बाद समाज में स्वतंत्र रूप से कार्य कर सकें और अपने पैरों पर खड़ी हो सकें। नेताजी मलिक ने कहा। ऐसा माना जा रहा है कि इस प्रशिक्षण से मानसिक बीमारी से ग्रस्त महिलाओं को आत्मविश्वास मिलेगा और भविष्य में उन्हें अधिक सुरक्षित और आत्मनिर्भर जीवन जीने में मदद मिलेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा