मप्र के बैतूल में ऑयल मिल के टैंक में मिले दो कर्मचारियों के शव, सफाई के दौरान दम घुटने की आशंका

- 50 लाख मुआवजे की मांग पर अड़े परिवार वालेबैतूल, 16 मार्च (हि.स.)। मध्य प्रदेश के बैतूल जिला मुख्यालय स्थित सदर क्षेत्र में बैतूल ऑयल मिल में शनिवार की रात बड़ा हादसा हो गया। मिल के वाटर ट्रीटमेंट टैंक की सफाई के दौरान दो मजदूरों की मौत हो गई। बताया गया कि रात की शिफ्ट में मजदूर टैंक में उतरे थे। कुछ देर बाद दोनों टैंक में बेहोश पड़े मिले। कंपनी के लोगों ने पुलिस और एम्बुलेंस को सूचना दी। एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों को बाहर निकाला। तब तक दोनों मजदूरों की मौत हो चुकी थी। यह मिल पूर्व कांग्रेस विधायक निलय डागा और उनके परिवार के स्वामित्व वाली है।

मृतकों की पहचान कैलाश पानकर (53 वर्ष), निवासी कंपनी गार्डन, बैतूल और दयाराम नरवरे (56 वर्ष) निवासी रामनगर गंज, बैतूल के रूप में हुई है। दोनों ही मिल में मशीन ऑपरेटर के तौर पर कार्यरत थे। प्रारंभिक जांच में टैंक में जहरीली गैस जमा होने से दम घुटने की आशंका जताई गई है। मृतकों के परिजनों ने उचित मुआवजे की मांग की है। वहीं, प्रशासन ने घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। कंपनी से सुरक्षा मानकों पर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

बैतूल ऑयल मिल के मैनेजर अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि टैंक की सफाई हर दो महीने में एक बार की जाती है। शनिवार रात की शिफ्ट (शाम 4 बजे से रात 12 बजे) के दौरान कैलाश पानकर और दयाराम नरवरे सफाई के लिए टैंक में उतरे थे। जब रात 12 बजे उनकी ड्यूटी समाप्त हुई और दूसरी शिफ्ट के कर्मचारी पहुंचे, तो उन्होंने दोनों को टैंक के अंदर पड़ा पाया। इसकी सूचना तुरंत फैक्टरी प्रबंधन को दी गई, जिसके बाद पुलिस और राहत दल मौके पर पहुंचे।

घटना की जानकारी मिलते ही मृतकों के स्वजन और स्थानीय लोग अस्पताल पहुंच गए। गुस्साए परिजनों ने 50 लाख रुपये मुआवजे और अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर अस्पताल के सामने चक्काजाम कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि मिल प्रबंधन की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस, प्रशासन और मिल प्रबंधन के अधिकारी लगातार परिजनों से बातचीत कर रहे हैं। इस दौरान अस्पताल में तनावपूर्ण माहौल बना है। परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया और अपनी मांगों को पूरा करने की शर्त रखी।

एसडीएम राजीव कहार ने बताया कि कंपनी ने लिखकर दिया है कि नियमानुसार मृतकों के जो क्लेम होंगे, वे दिए जाएंगे। एक माह में सभी क्लेम दिए जाएंगे। कंपनी ने मुआवजे के तौर पर 10 लाख रुपये दिए हैं। जिस पर परिवार सहमत है। शासन से मिलने वाली सहायता भी उन्हें दी जाएगी। मुआवजे को आश्वासन के बाद परिवार वालों ने चक्काजाम खत्म कर दिया, जिसके बाद मृतकों का पीएम करवाया जा रहा है।

एडिशनल एसपी कमला जोशी ने बताया कि फिलहाल मौके पर जांच शुरू नहीं की गई है, जिसकी वजह से मौतों की वास्तविक जानकारी सामने नहीं आ सकी है। मृतकों के पोस्टमार्टम के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। वहीं, एसडीओपी शालिनी परस्ते ने बताया कि हादसे के कारणों की जांच की जा रही है। टैंक में उतरने के दौरान सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल किया गया था या नहीं, यह भी जांच का विषय है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है और मिल प्रबंधन से भी पूछताछ की जा रही है।

यह फैक्टरी सोयाबीन खाद्य तेल बनाती है, जिसका सरस नाम का खाद्य तेल बाजार में बिकता है। यह फैक्टरी पूर्व विधायक स्व. विनोद डागा और पिछली बार बैतूल विधायक रहे निलय डागा के परिवार के प्रबंधन से जुड़ी है। पूर्व विधायक निलय डागा के परिजन इसका संचालन करते हैं, लेकिन फिलहाल निलय डागा इसके डायरेक्टर्स में शामिल नहीं है। फैक्टरी प्रबंधक अजय मिश्रा ने बताया कि घटनास्थल पर गैस जैसी कोई स्थिति नहीं है। इसके कारणों की जांच कर रहे हैं। मृतक हमारे परिवार के सदस्यों की तरह थे। उनके परिजनों की हर संभव मदद की जाएगी।------------

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

   

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