देव दीपावली में 21 हजार दीपों से जगमगायी चित्रकूट की मंदाकिनी गंगा

देव दीपावली में 21 हजार दीपों से जगमगायी चित्रकूट की मंदाकिनी गंगा

-एसपी अरुण कुमार सिंह व एडीएम उमेश चंद्र निगम ने की दीपदान की शुरुआत

-नगर पालिका की व्यवस्था की श्रद्धालुओं ने की सराहना

चित्रकूट,12 नवम्बर (हि.स.)।भगवान राम की तपोभूमि धर्मनगरी चित्रकूट देवोत्थान एकादशी में दीपों की रोशनी से जगमगा उठी। सुबह से ही रामघाट में मंदाकिनी स्नान के लिए श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा। श्रद्धालुओं ने भगवान कामदनाथ के दर्शन कर परिक्रमा लगाई। शाम होते ही रामघाट से लेकर कामदनाथ मंदिर, परिक्रमा मार्ग, हनुमान धारा, सती अनुसुइया, गुप्त गोदावरी आदि प्रमुख मंदिरों में दीप जलाए गए। रंग-बिरंगी रोशनी वाली झालरों से मठ-मंदिर जगमगा रहे थे।देर शाम पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह,एडीएम उमेश चंद्र निगम,राजेश प्रसाद,एएसपी चक्रपाणि त्रिपाठी व ईओ लाल जी यादव ने मंदाकिनी में दीप जलाकर महोत्सव की शुरुआत की।

देवोत्थान एकादशी देव दीपावली में मंगलवार की सुबह से ही रामघाट में मंदाकिनी स्नान के लिए श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा रहा। इसके बाद श्रृद्धालुओं ने भगवान कामदनाथ स्वामी परिक्रमा लगाई। वहीं घरो में एक बार फिर सफाई अभियान चलाकर भगवान श्रीहरि नारायण का पूजन अर्चन किया गया। शाम होते ही रामघाट से लेकर कामदनाथ मंदिर, परिक्रमा मार्ग, हनुमान धारा, सती अनुसुइया, गुप्त गोदावारी समेत अन्य प्रमुख मंदिरो में दीप जलाए गए। ऐसे में रंग-बिरंगी रोशनी से मठ-मंदिर जगमगा उठे।

मंदाकिनी गंगा में पुलिस अधीक्षक अरूण कुमार सिंह,एडीएम उमेश चंद्र निगम,एडीएम न्यायिक राजेश प्रसाद,एएसपी चक्रपाणि त्रिपाठी,ईओ लालजी यादव,सीओ राजकमल,भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष दिव्या त्रिपाठी,समाजसेवी संतोष त्रिपाठी आदि ने दीप जलाकर एवं मंदाकिनी गंगा की महाआरती कर महोत्सव की शुरूआत की।

इसके अलावा लोगों ने घरों में भी देव दीपावली पर आटे से बनी देव दीवाली में घी के दिए जलाए। जिससे शाम होते ही चारों ओर दिए जलने से रोशनी का नजारा देखते बन रहा था। वहीं दीपावली की भांति जगह-जगह पटाखे दागे गए।

देव दीपावली देवोत्थान एकादशी पर मान्यता है कि भगवान श्रीहरि विष्णु निद्रा से जागते है। ऐसे में उनके स्वागत में महिलाओं ने देर रात गन्ने से सूप बजाकर खुद के घर को जागृत करने की परंपरा निभाई। ऐसे में महिलाओं ने घर से सूप बजाने की शुरूआत कर अपने घर के बाहर गोबर के ढेर वाले स्थान तक गई। जहां गन्ने व सूप को तोड़कर फेंक दिया। यह परंपरा आधी रात के बाद से शुरू होकर तड़के पहर तक चलती रही। देवोत्थान एकादशी पर धर्मनगरी के मंदिरो व घरों में श्रृद्धालुओं ने श्रृद्धा भाव के साथ भगवान सालिग्राम व तुलसी का विवाह कराया। इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भगवान का तुलसी के साथ विवाह कराकर कन्या भोज व भंडारे के आयोजन कराए गए। वहीं दूसरी ओर देव दीपावली में जगह-जगह गन्ना विक्री हुई। सीतापुर देवोत्थान एकादशी में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी सतर्क रहा। यूपी-एमपी प्रशासन ने अपने-अपने क्षेत्र में पुलिस टीमों की ड्यूटी लगाई थी। रामघाट, भरतघाट के अलावा कामदनाथ प्रमुख द्वार में भीड़ अधिक होने की वजह से पुलिसकर्मी डटे रहे। शाम को मंदाकिनी तट पर दीपदान के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक रही। राजनीतिक दलों के लोग भी मंदाकिनी आरती के दौरान पहुंचे।

हिन्दुस्थान समाचार / रतन पटेल

   

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