दलित युवती से दुष्कर्म का दाेष सिद्ध हाेने पर आजीवन कारावास

नैनीताल, 21 मार्च (हि.स.)। नैनीताल जनपद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-विशेष न्यायाधीश (एससीएसटी एक्ट) सुबीर कुमार के न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने और बाद में जाति के आधार पर शादी से मुकर जाने के आरोपित को दोषी करार देते हुए दो अलग-अलग धाराओं में आजीवन कठोर कारावास तथा 20-20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। दोषी को अर्थदंड अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा। साथ ही न्यायालय ने अर्थदंड की धनराशि में से 30 हजार रुपये पीड़िता को प्रतिकर के रूप में देने का निर्देश दिया। आदेश के बाद दोषी को न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़िता ने 15 फरवरी 2022 को थाना रामनगर में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि न्यायालय ने नितीश नैनवाल पुत्र लीलाधर नैनवाल निवासी ग्राम ढिकुली गर्जिया थाना रामनगर जिला नैनीताल ने पिछले दो वर्षों से शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। पीड़िता को विश्वास था कि वह उससे शादी करेगा, लेकिन बाद में उसने जाति का हवाला देते हुए शादी करने से इनकार कर दिया।

रिपोर्ट में बताया गया कि 7 फरवरी 2022 को आरोपित नितीश पीड़िता को यह कहकर जिम कॉर्बेट सफारी पर ले गया कि वहां उसके कुछ दोस्त और लड़कियां भी आ रही हैं। उसने पीड़िता को यह भी नहीं बताया कि सफारी नाइट स्टे वाली थी और शाम को घर लौटने का आश्वासन दिया था। लेकिन सफारी के दौरान आरोपित ने पीड़िता को जूस में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया,और बेहोशी की अवस्था में उसने पीड़िता के साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए। अगले दिन यानी 8 फरवरी 2022 को पीड़िता अपने घरवालों को धनगढ़ी गेट पर बेहोशी की हालत में मिली।

इसके बाद पीड़िता और आरोपित को गर्जिया पुलिस चौकी ले जाया गया, जहां पूछताछ के दौरान आरोपित ने सात दिन के भीतर पीड़िता से शादी करने की बात स्वीकार की लेकिन बाद में आरोपित अपने वादे से मुकर गया। उसने पीड़िता से जातिगत भेदभाव करते हुए कहा कि वह शिल्पकार परिवार से है जबकि वह ब्राह्मण जाति का है, इसलिए शादी नहीं कर सकता। जबकि, पीड़िता ने पहले ही उसे अपनी जाति के बारे में बता दिया था, तब आरोपित ने जाति को कोई महत्व न देने की बात कही थी और शादी का वादा किया था।

अभियोजन पक्ष की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) नैनीताल श्री सुशील कुमार शर्मा ने अभियोजन पक्ष के समर्थन में कुल 17 गवाहों के बयान दर्ज कराए। न्यायालय ने अर्थदंड की कुल 40 हजार रुपये की धनराशि में से 30 हजार रुपये पीड़िता को प्रतिकर के रूप में देने का आदेश दिया। इसके अलावा, न्यायालय ने पीड़िता को उत्तराखंड अपराध से पीड़ित सहायता योजना 2013 और उत्तराखंड यौन अपराध एवं अन्य अपराधों से पीड़ित-तरजीही महिलाओं हेतु प्रतिकर योजना 2020 के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से क्षतिपूर्ति धनराशि दिलाए जाने के भी निर्देश दिए।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी

   

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