केंद्रीय बजट में रक्षा मंत्रालय को 6.81 लाख करोड़ रुपये आवंटित

- भारत ने एक दशक में 174 फीसदी रिकॉर्ड रक्षा उत्पादन बढ़ाकर इतिहास रचा

नई दिल्ली, 01 फरवरी (हि.स.)। वित्त वर्ष 2025-26 के लिए रक्षा मंत्रालय को 6.81 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। रक्षा बलों पर 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपये का पूंजीगत परिव्यय रक्षा बलों के आधुनिकीकरण, तकनीकी उन्नति और क्षमताओं में और मदद करेगा। भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में 1.27 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड रक्षा उत्पादन करके एक दशक में 174 फीसदी की प्रभावशाली वृद्धि की है। इसी तरह निर्यात 21,083 करोड़ तक पहुंचाने के साथ वैश्विक बाजार में अपनी उपस्थिति मजबूत करके आयात पर निर्भरता कम की है।

भारत के रक्षा क्षेत्र में 2014 के बाद से उल्लेखनीय परिवर्तन हुए हैं, जो बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर सैन्य बल से विकसित होकर आत्मनिर्भरता और स्वदेशी उत्पादन पर केंद्रित हो गया है। वैश्विक स्तर पर सबसे मजबूत सैन्य शक्तियों में से एक भारत ने क्षेत्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने और रणनीतिक लक्ष्यों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। देश का रक्षा बजट 2013-14 में 2,53,346 करोड़ रुपये था, जो 2024-25 में 6,21,940.85 करोड़ तक पहुंच गया। 'मेक इन इंडिया' पहल और नीति सुधारों के माध्यम से सरकार ने घरेलू उत्पादन को सक्रिय रूप से बढ़ावा देकर विदेशी खरीद पर निर्भरता कम की है। यह बदलाव रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिहाज से महत्वपूर्ण रहा है, जिसने देश को उन्नत सैन्य प्रौद्योगिकियों और उपकरणों के उत्पादन के लिए एक उभरते केंद्र के रूप में स्थापित किया है।

रिकॉर्ड रक्षा उत्पादन: वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का घरेलू रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जो एक रिकॉर्ड ऊंचाई है। यह 2014-15 में 46,429 करोड़ से लगभग 174 फीसदी की प्रभावशाली वृद्धि है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम

   

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