एआई के जरिये जटिल काम को भी आसानी से किया जा सकता है: सतीश महाना
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- Feb 03, 2025
कानपुर, 03 फरवरी (हि.स.)। हमें वैश्विक स्तर पर सोचना चाहिए, लेकिन स्थानीय स्तर पर क्रियान्वित करना चाहिए। हम आज के समय में जरूरत से ज्यादा इच्छापूर्ति की तरफ जा रहे हैं। त्वरित उपाय हमारे लिए बड़ी समस्याएं उत्पन्न करते हैं। समाधानों को कार्यान्वयन में लाने के लिए हमें उनसे बात करनी चाहिए। जिन्हे इनको उपयोग में लाना है। वर्तमान समय में जनसंख्या का दबाव शहरों पर बढ़ता जा रहा है। जिसके लिए हमें तकनीक का सहारा लेना होगा, एआई एक प्रभावी माध्यम है। यह बातें सोमवार को आईआईटी कानपुर में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कही।
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) और आईआईटी कानपुर द्वारा एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के तत्वावधान में सतत शहरी विकास के लिए नवाचारी एआई समाधान विषय पर दो दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन सत्र आईआईटी कानपुर में हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और सीएसजेएमयू कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक और आईआईटी के डायरेक्टर प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित करके किया।
कुलपति ने कहा कि सीएसजेएमयू पहले से ही सस्टेनेबिलिटी पर काम कर रहा है। विश्वविद्यालय सोलर ऊर्जा के माध्यम से बिजली और पानी की बचत कर रहा है। आज की युवा पीढ़ी के पास नवाचार के कई आइडिया हैं। युवा नए विचारों के साथ योगदान करने और प्रभावशाली स्टार्टअप करने के लिए उत्साहित हैं। स्टार्टअप्स को मास प्रोडक्शन पर ध्यान न देकर अपने उपभोक्ताओं पर ध्यान देना चाहिए और उपभोक्ताओं की जरूरतों और अपेक्षाओं को समझना जरूरी है।
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मनींद्र अग्रवाल ने शोध और सहयोग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा स्थिरता में एआई की पूरी क्षमता को तभी साकार किया जा सकता है। जब अकादमिक जगत, सरकार और उद्योग एक साथ मिलकर काम करें।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप