धमतरी, 18 अक्टूबर (हि.स.)।शासन-प्रशासन के जल जगार कार्यक्रम व ग्राम परसतराई के किसानों से प्रेरित होकर अब ग्राम रावां के किसान मिल-बैठकर रबी सीजन में धान फसल नहीं लगाने का निर्णय लिया है। किसानों के इस निर्णय की सराहना होने के साथ अन्य गांवों के किसान भी इनसे प्रेरित होंगे। वहीं कृषि विभाग लगातार गांव-गांव में किसानों की बैठकर लेकर रबी में दलहन-तिलहन लगाने प्रेरित कर रहे हैं, इसका असर अब दिखने लगा है।
रबी सीजन में धान फसल लेने वाले किसान अपने खेतों में 24 घंटे सिंचाई बोर पंप चलाते हैं। अधिकांश गांवों के किसान रबी में धान फसल लेते आ रहे हैं, इसका विपरीत असर भू-जल स्तर पर सीधा पड़ता है। समय से पहले भू-जल स्तर गिरने से सिंचाई बोर पंप हाफने लगता है और गांवों में पेयजल संकट शुरू हो जाती है, इसे देखते हुए जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत परसतराई में सबसे पहले रबी सीजन में जल संरक्षण के लिए धान फसल का बहिष्कार किया और दलहन-तिलहन लेकर जल बचाव का सीख जिले समेत प्रदेशभर के किसानों को दिया। यही वजह है कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी ग्राम परसतराई से वाकिफ है। जिला प्रशासन भी इस साल जल जगार कार्यक्रम आयोजित कर जिलेवासियों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया है। इसका रिजल्ट अब देखने को मिल रहा है।
जल जगार कार्यक्रम व परसतराई के किसानों से प्रेरित होकर ग्राम रावां के किसानों ने भी जल संरक्षण के लिए मिल-बैठकर रबी सीजन में धान फसल नहीं लेने का निर्णय लिया है। जल संरक्षण को बढ़ावा देने और रबी सीजन में धान फसल नहीं लेने के लिए धमतरी ब्लाक के ग्राम रावां में ग्रामीण बैठक आयोजित हुई। यहां किसानों व ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से रबी सीजन में दलहन-तिलहन लेने सहमत हुए और प्रस्ताव पास किया। किसानों ने कहा कि जल ही जीवन है, इस उद्देश्य को सार्थक करते हुए रबी सीजन में धान फसल नहीं लेंगे।
जनपद सदस्य मानिक साहू व सरपंच गोपालन पटेल ने कहा कि रबी फसल में धान की जगह दलहन-तिलहन फसल लेने का निर्णय किसानों के लिए फायदे का सौदा है। इससे भू जल स्तर में हो रही गिरावट में भी कमी आएगी। जल का संरक्षण होगा। फसल चक्र परिवर्तन से खेतों की उर्वरक शक्ति बढ़ेगी। किसानों को बेतहाशा बढ़ती खाद बीज, कृषि दवाई के मूल्य से राहत मिलेगा। बैठक में जीवराज साहू उपसरपंच ,लोभन साहू पंच, लीलाम्बर साहू पंच, गंगा राम धुर्वे, सुरेश सिन्ह, रिषी सिन्हा, भुनेश्वर सिन्हा ,सेवक सिन्हा, दूज राम साहू, खेमराज सतनामी, हिम्मत साहू, खोमन सिन्हा, बलराम साहू, टेमन साहू, चिरंजीव सिन्हा,अलख पटेल, तिहारु राम ,भिखु निषाद, सीताराम ,मिलाप सिन्हा, विष्णु राम , कार्तिक साहू, हिन्छा राम साहू, दौलत राम समेत ग्रामीण बड़ी संख्या में मौजूद थे।
हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा