गुरुग्राम: पीजीटी लेक्चरर शैलेश ने राष्ट्रीय स्तर पर जीता पहला पुरस्कार
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- Feb 08, 2025
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-शिक्षा मंत्रालय की ओर से कला समेकित शैक्षिक विधियां प्रतियोगिता में पाया पहला स्थान
-विज्ञान जैसे गूढ़ विषय को आसान भाषा में बच्चों को समझाने की पेश की कला
गुरुग्राम, 8 फरवरी (हि.स.)। पीएमश्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गांव लेघां (भिवानी) में पीजीटी फिजिक्स लेक्चरर शैलेश कुमार ने अपनी कला कौशल के बल पर राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में हरियाणा का प्रतिनिधित्व करते हुए पहला स्थान हासिल किया है।
शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के विकसित भारत अभियान के बैनर तले शिक्षकों द्वारा कला समेकित शैक्षिक विधियां प्रतियोगिता में पीजीटी फिजिक्स लेक्चरर शैलेश कुमार ने हरियाणा की ओर से भाग लिया। छह व सात फरवरी को हुई इस प्रतियोगिता में देश के सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों द्वारा कठिन से कठिन विषय को भी आसान भाषा में समझाने के लिए कला कौशल का प्रयोग किया गया। यही इस प्रतियोगिता की थीम रहा। लेक्चरर शैलेश कुमार का फिजिक्स विषय था। इस विषय को विज्ञान का सबसे कठिन विषय माना जाता है। इस विषय को समझाने के लिए शैलेश कुमार ने जो कला कौशल प्रदर्शित किया, उससे उन्होंने आयोजकों को प्रभावित किया। सभी ने माना कि अगर इस प्रकार से विज्ञान जैसे गूढ़ विषयों को भी आसान भाषा में बच्चों को समझाया जाए तो गांव-देहात का बच्चा भी इन विषयों में महारत हासिल कर सकता है। लेक्चरर शैलेश कुमार के अध्यापन कौशल को देखते हुए विकसित भारत अभियान के इस कला उत्सव कार्यक्रम में उन्हें प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। एनसीईआरटी दिल्ली के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने उन्हें पुरस्कार प्रदान किया। पुरस्कार स्वरूप उन्हें 25 हजार रुपये नकद राशि, ट्रॉफी और एक गोल्ड मेडल दिया गया। इस प्रतियोगिता में दूसरा स्थान राजस्थान व तीसरा स्थान केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ का रहा।
विज्ञान के ज्ञान से बच्चों को गूढ़ ज्ञान देना ही ध्येय: शैलेश कुमार
लेक्चरर शैलेश कुमार ने बताया कि वे अपने विषय में बच्चों को बेहतर से भी बेहतर पढ़ाई कराने का प्रयास करते हैं। अपने विज्ञान के ज्ञान से वे बच्चों को गूढ़ ज्ञान देते हैं। यही उनका ध्येय है। वे देश व प्रदेश की अनेक प्रतियोगिताओं में वह भाग लेते रहते हैं। उसके द्वारा फिजिक्स विषय को पढ़ाने की जो तकनीक विकसित की गई है, उस तकनीक से पढ़ाए जाने पर जिला भिवानी के सभी स्कूलों के विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम काफी सुधरा है।
हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर