रोहतक, 10 जनवरी (हि.स.)। इनसो छात्र संगठन ने सीईटी की परीक्षा को लेकर हरियाणा सरकार पर सवाल उठाते हुए शुक्रवार काे आंदोलन का निर्णय लिया है। इनसो छात्र नेता दीपक मलिक ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि हरियाणा के रोजगार में बाहरी देशों के युवाओं को मौका देना गलत है। हरियाणा के रोजगार पर पहला हक हरियाणा के छात्रों का है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में बेरोजगारी चरम सीमा पर है। रोजगार के लिए छात्र दर-दर की ठोकरे खा रहे है, अगर बाहर के छात्रों को मौका दिया तो जो लाखों छात्र सालों से तैयारी कर रहे हैं। उनके साथ अन्याय होगा।
दीपक मलिक ने बताया कि सीईटी की परीक्षा में फीस का भी दोहरा मापदंड रखा गया है। जो छात्र आधार कार्ड या पी.पी.पी जमा करायेगा उससे पांच सौ रूपये फीस ली जायेगी जो नहीं जमा करवा पायेगा उससे एक हजार रूपये फीस वसूली जायेगी जो सरासर गलत है। उन्होंने बताया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितम्बर 2018 की जजमैंट में आधार कार्ड की अनिवार्यता समाप्त कर दी थी। उसके बाद भी सरकार का ये फैसला गलत है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का यह फैसला सरासर युवा विरोधी है और अगर सरकार ने इस फैसले को वापिस नहीं लिया तो इनसो पूरे प्रदेश में सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन शुरू कर देगी। साथ ही उन्होंने कहा कि ये मुद्दा हरियाणा के प्रत्येक घर का मुद्दा है। बाहर वाले छात्रों को हरियाणा के छात्रों का हक नहीं खाने दिया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिल