'गुप्त नवरात्रि' पर नैमिषारण्य में हो रही है साधकों की तंत्र साधना

मूर्ति ललिता देवी

सीतापुर, 6 फ़रवरी (हि.स.)। माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक गुप्त नवरात्रि मनाई जाने की मान्यता है। इस बार इसका शुभारंभ 30 जनवरी 2025 गुरुवार से हुआ जो 07 फरवरी 2025 शुक्रवार को समाप्त होगा । इस दौरान 10 महाविद्याओं की पूजा का विधान है। मान्यता है इन नवरात्रियों के दौरान देवी, साधना से देवी शीघ्र प्रसन्न होती हैं और इच्छित फल प्रदान करती हैं।

गुप्त नवरात्रि पर्व के अवसर पर नैमिषारण्य तीर्थ स्थित शक्तिपीठ माँ ललिता देवी के पावन धाम में भक्तों द्वारा देवी की पूजा अर्चना का क्रम अबाध रूप से चल रहा है।

कहते हैं कि इन नवरात्र में गुप्त पूजा का विधान है कहा जाता है कि गुप्त नवरात्र में साधना की गोपनीयता जितनी अधिक होगी , फल भी उतना ही शीघ्र प्राप्त होगा। नवरात्र के इन दिनों में 10 महाविद्या अंतर्गत मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है।

इन दिनों मंत्र जाप, श्री दुर्गा सप्तशती और हवन के माध्यम से देवी की साधना की जाती है। यदि भक्त हवन या अन्य कर्मकांड करने में असहज महसूस करते हैं, तो वे नौ दिनों का किसी भी प्रकार का संकल्प लेते हैं जैसे सवा लाख मंत्रों का जाप कर अनुष्ठान करना। इसके अतिरिक्त राम रक्षा स्त्रोत, देवी भागवत आदि का नौ दिन का संकल्प लेकर पाठ भी किया जा सकता है। इस अवधि में अखंड जोत जलाकर साधना करने की परंपरा हैं।

नैमिषारण्य में आज गुप्त नवरात्र की सप्तमी पर्व पर पूरे दिन शक्तिपीठ के गर्भगृह समेत मन्दिर प्रांगण स्थित सभी मन्दिरों में बड़ी संख्या में भक्तों ने शीश नवाया , इस मौके पर बड़ी संख्या में दूर दूर से आये श्रद्धालुओं ने अपने बच्चों का मुंडन व अन्नप्रासन संस्कार सम्पन्न कराया। इसके बाद भक्तों द्वारा श्रद्धाभाव से माता के श्री चरणों में विधिविधान सहित पूजा अर्चना के क्रम के बाद प्रांगण स्थित प्राचीन हवनकुंड में आचार्यों के सानिध्य में वैदिक रीति से आहुतियां प्रदान की और कलावा बंधवाया वहीं कन्याओं को जलेबी दही , मिष्ठान आदि अल्पाहार खिलाकर दान दक्षिणा भेंट की गई।

इस सम्बन्ध में नैमिषारण्य स्थिति काली पीठ के महंत गोपाल शात्री ने हिन्दुस्थान समाचार से बताया कि चार नवरात्रि पर्व जो कि प्रत्येक 3 माह बाद आते हैं 2 नवरात्रि पर्व अधिक प्रचलन में हैं शेष 2 गुप्त नवरात्रि होती हैं गुप्त नवरात्रि में साधक गुप्त रूप से साधना करते हैं। इन दिनों में तंत्र साधना भी सिद्ध की जाती हैं।

उन्होंने बताया नैमिषारण्य में इन दिनों निवास करते हुए बहुत से भक्त व साधक देवी आराधना में लीन हैं वे सब कल शुक्रवार को हवन-पूजन के बाद गुप्त नवरात्रि का व्रत समाप्त करेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / Mahesh Sharma

   

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