लोकसभा अध्यक्ष ने युवाओं से शक्ति और प्रेरणा के लिए पुस्तकों की ओर रुख करने का आह्वान किया

-लोकसभा अध्यक्ष ने किया नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला में गुलाब कोठारी की दो पुस्तकों का विमोचन

नई दिल्ली, 08 फरवरी (हि.स.)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने लोगों, विशेषकर युवाओं से शक्ति और प्रेरणा के लिए पुस्तकों की ओर रुख करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि पुस्तकें व्यक्तिगत और सामाजिक विकास में सच्ची मार्गदर्शक शक्ति हैं, क्योंकि वे ज्ञान के स्थायी अभिलेख हैं। जो भावी पीढ़ियों के लिए विचारों और विरासतों को संरक्षित करती हैं। उन्होंने युवाओं से चुनौतियों पर विजय पाने के लिए प्रेरणा, प्रोत्साहन और शक्ति के स्रोत के रूप में पुस्तकों को अपनाने का आग्रह किया।

बिरला ने आज चल रहे नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2025 में प्रसिद्ध पत्रकार और राजस्थान पत्रिका के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी द्वारा लिखित दो पुस्तकों - 'स्त्री: देह से आगे' और 'माइंड बॉडी इंटेलेक्ट' का लोकार्पण करते हुए ये टिप्पणियां कीं। उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बिरला ने विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण समय में मार्गदर्शन, ज्ञान और शक्ति प्रदान करने में पुस्तकों की अमूल्य भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पुस्तकें न केवल आजीवन साथी होती हैं बल्कि शिक्षक के रूप में भी काम करती हैं, जहां से कभी भी, कहीं भी ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह शुभ संकेत है कि इस वर्ष का पुस्तक मेला दो महत्वपूर्ण आयोजनों, महाकुंभ मेला और भारतीय संविधान की 75वीं वर्षगांठ के साथ मेल खाता है।

उन्होंने प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ को आस्था और भक्ति का प्रतीक और विश्व पुस्तक मेले को ज्ञान और संस्कृति का महाकुंभ के रूप में प्रतिपादित करते हुए कहा कि ये वो स्थान हैं जहां साहित्य, विचार और चिंतन समाज को प्रगति की ओर प्रेरित करते हैं। उन्होंने भारतीय लोकतंत्र की नींव के रूप में संविधान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय विकास और प्रगति के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत प्रदान करता है।

बिरला ने गुलाब कोठारी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे न केवल एक पत्रकार हैं बल्कि एक प्रमुख विचारक, दार्शनिक और मानवतावादी भी हैं। आज की पुस्तक विमोचन के संदर्भ में बिरला ने कोठारी द्वारा वैदिक ज्ञान की समकालीन दृष्टिकोणों के साथ, विशेष रूप से समाज में महिलाओं की उभरती भूमिका के संबंध में व्यावहारिक तुलना की सराहना की। उन्होंने चेतना और आंतरिक शक्ति की गहन खोज के लिए पुस्तकों की भी सराहना की और कहा कि ये पाठकों को अपने उच्चतर स्व से जुड़ने और जीवन के गहरे पहलुओं को समझने के लिए प्रोत्साहित करेंगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव

   

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