आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल विवाद : 80 संगठनों ने की न्याय की मांग, सीजीओ कॉम्प्लेक्स में होगा विरोध प्रदर्शन

कोलकाता, 29 अक्टूबर (हि.स.)। आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से जुड़े मामले की जांच और न्याय की मांग के लिए विभिन्न डॉक्टर संगठनों और नागरिक समाज के 80 से अधिक संगठन एकजुट हुए हैं। इससे साफ है कि डॉक्टरों का आंदोलन और तेज होने वाला है। इन संगठनों ने 'अभया मंच' नामक एक संयुक्त प्लेटफार्म तैयार किया है।

इस मंच के अनुसार, चार नवंबर को 'द्रोह का प्रकाश' अभियान और सात नवंबर को 'जनता का चार्जशीट' कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इन आयोजनों में जांच प्रक्रिया की कमियों को उजागर किया जाएगा। मंच के मुताबिक, न्याय की मांग के लिए राज्यभर में व्यापक प्रचार अभियान भी चलाया जाएगा।

शनिवार को आर.जी. कर अस्पताल में आयोजित जनकन्वेंशन में जूनियर डॉक्टर किंजल नंदा ने घोषणा की थी कि 30 अक्टूबर को राज्य मेडिकल काउंसिल से सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआई दफ्तर तक जूनियर डॉक्टरों द्वारा एक मशाल जुलूस निकाला जाएगा। उनका कहना है कि जब तक पीड़ित के लिए न्याय नहीं मिल जाता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।

इसके अलावा, शनिवार को आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों के प्रतिरोध स्वरूप एक नया संगठन भी बना था जिसका नाम 'वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन' रखा गया है। इस संगठन ने ‘वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट’ पर निशाना साधते हुए राज्य के मुख्य सचिव को एक ईमेल भेजा है जिसमें आठ प्रमुख मांगों का उल्लेख किया गया है। इन मांगों में सुरक्षा की मांग के साथ डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के लिए बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की आवश्यकता का भी जिक्र है।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टर के साथ हुई कथित बलात्कार-हत्या की घटना के बाद 'थ्रेट कल्चर' यानी धमकी संस्कृति को लेकर गहरी चर्चा और बहस हो रही है। जूनियर डॉक्टरों ने अपने 10 मांगों में प्रमुखता से 'थ्रेट कल्चर' पर रोक लगाने की बात रखी है। इस मुद्दे पर नवान्न में हुई एक बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में ‘थ्रेट कल्चर’ की समस्या पहले भी सामने आई है। उन्होंने उल्लेख किया कि 'डायमंड हार्बर और नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज में भी ऐसी घटनाएं हुई हैं।

इस मामले में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 51 छात्रों को निलंबित कर दिया गया था, जिसके कारण मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग से बिना अनुमति के कार्रवाई पर सवाल उठाए थे। अब 80 से अधिक संगठनों ने मिलकर इस आंदोलन को और अधिक तेज करने का इरादा जताया है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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