नारनौलः महिलाएं मासिक धर्म स्वच्छता को लेकर जागरूक बनेंः शैलजा गुप्ता

-मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया, इससे शर्मिंदगी या झिझक का कारण नहीं बनना चाहिए

नारनाैल, 13 फ़रवरी (हि.स.)। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शैलजा गुप्ता की अध्यक्षता में गुरूवार को एडीआर सेंटर में पैनल अधिवक्ता, जिला बार एसोसिएशन की महिला सदस्य, कानूनी स्वयं सेवक एवं महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यशाला पर्यवेक्षकों के लिए मासिक धर्म स्वच्छता विषय पर वर्कशॉप एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शैलजा गुप्ता ने कहा कि यह हर महिला मासिक धर्म स्वच्छता का पालन करें और अन्य महिलाओं को भी इसके प्रति जागरूक करें। उन्होंने कहा कि मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, इससे किसी भी तरह की शर्मिंदगी या झिझक का कारण नहीं बनना चाहिए। मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के लिए सेनेटरी पैड, टैम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप का सही इस्तेमाल करना चाहिए।

चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर ज्योति भारद्वाज ने बताया कि मासिक धर्म महिलाओं के जीवन का एक सामान्य और स्वाभाविक हिस्सा है। हर महीने महिला शरीर में होने वाली इस प्रक्रिया के दौरान स्वच्छता बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता को नजरअंदाज करने से न केवल शारीरिक परेशानियां बढ़ सकती हैं बल्कि कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। यह प्रक्रिया तब शुरू होती है जब एक महिला प्रजनन उम्र, आमतौर पर 12 से 15 साल की उम्र में प्रवेश करती है। मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखना न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्याम सुंदर शुक्ला

   

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