शेख हसीना के प्रमुख आलोचक नाहिद इस्लाम नहीं चाहते अवामी लीग लड़े चुनाव

ढाका, 19 मार्च (हि.स.)। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से अचानक अलग होकर नए राजनीतिक दल नेशनल सिटीजन पार्टी (एनसीपी) का गठन करने वाले छात्र नेता नाहिद इस्लाम का वश चला तो पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग अगला संसदीय चुनाव नहीं लड़ पाएगी। अमेरिका की 'द डिप्लोमेट' पत्रिका की वेबसाइट पर अपलोड इंटरव्यू में एनसीपी संयोजक इस्लाम ने कहा, ''हम नहीं चाहते कि अवामी लीग चुनाव में भाग ले।''

ढाका विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति का प्रमुख चेहरा रहे नाहिद से एशिया-प्रशांत क्षेत्र के समसामयिक विषयों पर केंद्रित द डिप्लोमेट ने पूछा कि क्या आपकी पार्टी अवामी लीग को राजनीति और अगले चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति देगी? उन्होंने कहा कि नहीं, हम नहीं चाहते कि अवामी लीग चुनाव में भाग ले। सबसे पहले, पार्टी के भीतर जो लोग गलत कामों के लिए जिम्मेदार हैं, उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। नाहिद ने कहा कि उनकी पार्टी को देश की किसी भी पार्टी से कोई राजनीतिक खतरा नहीं है। उन्होंने अंतरिम सरकार से अलग होने के अपने फैसले पर कहा कि सरकार को बाहर और अंदर से देखना बहुत ही अलग अनुभव है। समय का तकाजा था कि इस्तीफा देकर मुख्यधारा की राजनीति में आऊं। सरकार में रहने के दौरान इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर पर किया गया उनका काम दीर्घकालिक लाभ पहुंचाने वाला होगा।

नाहिद इस्लाम ने कहा कि एनसीपी का उद्देश्य संविधान सभा की स्थापना के माध्यम से दूसरा गणराज्य स्थापित करना है। एनसीपी नया संविधान लाने का इरादा रखती है। उनसे पूछा गया कि आप आम चुनाव कब कराना चाहते हैं? नाहिद ने कहा कि इस समय सारा ध्यान पिछली सरकार के अपराधियों पर मुकदमा चलवाने का है। ताकि फासीवादी शासन फिर न उभर सके। इसलिए, चुनाव प्राथमिकता नहीं है। इसके लिए कोई विशिष्ट समय सीमा तय नहीं की जा सकती। हालांकि अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने संकेत दिया है कि चुनाव 2025 के अंत या 2026 के मध्य में हो सकता है।

नाहिद इस्लाम को जुलाई 2024 में बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का अगुवा माना जाता है। आंदोलन के प्रमुख नेता के रूप में नाहिद इस्लाम ने 3 अगस्त को हसीना के इस्तीफे की मांग की। नतीजतन 5 अगस्त को हसीना ने देश छोड़ दिया। 8 अगस्त को अंतरिम सरकार का गठन हुआ। इसमें नाहिद को सूचना मंत्रालय का सलाहकार नियुक्त किया गया। वह लगभग सात महीने तक इस पद पर रहे। 25 फरवरी को इस्तीफा देकर जुलाई विद्रोह के कार्यकर्ताओं की मदद से नई पार्टी के संयोजक बने हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकुंद

   

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