भारत के बाद नेपाल ने भी शुरू किया राष्ट्रव्यापी 'बाल विवाह मुक्त' अभियान

नई दिल्ली, 1 जनवरी (हि.स.)। नवंबर 2024 में भारत द्वारा 'बाल विवाह मुक्त भारत' अभियान शुरू करने के बाद नेपाल ने भी बाल विवाह को समाप्त करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करके दक्षिण एशिया क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। नेपाल सरकार द्वारा शुरू किया गया 'बाल विवाह मुक्त नेपाल' अभियान में जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) और बैकवर्ड एजुकेशन सोसायटी (बेस) नेपाल रणनीतिक भागीदार हैं।

जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन के संस्थापक और प्रख्यात बाल अधिकार कार्यकर्ता भुवन ऋभु ने आज यहां बताया कि इस अभियान का उद्घाटन मंगलवार को काठमांडू में एक कार्यक्रम में किया गया। जहां महिला, बाल एवं वरिष्ठ नागरिक मंत्रालय के मंत्री नवल किशोर साह सुदी, नेपाल के लुंबिनी प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री और बेस संस्था के संस्थापक दिल्ली बहादुर चौधरी और भुवन ऋभु भी मौजूद थे, जो ‘बाल विवाह मुक्त विश्व’ के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके अलावा कार्यक्रम में नेपाल के सभी सातों प्रांतों के मंत्रालयों के मंत्री शामिल हुए और इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए राष्ट्र की एकजुटता और प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

भुवन ऋभु ने बताया कि बाल विवाह के खात्मे के लिए भारत की रणनीतियों पर अमल करते हुए बाल विवाह मुक्त नेपाल अभियान उन जिलों और समुदायों पर ध्यान केंद्रित करेगा जहां बाल विवाह के चलन की दर ज्यादा है। इसके लिए बाल विवाह के खिलाफ नेपाल के कानूनों के बारे में युवाओं और समुदायों में जागरूकता का प्रसार किया जाएगा। अभियान के दौरान पूरे देश में लोगों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसमें सरकारी कर्मचारियों, वकीलों, नागरिक समुदाय के सदस्यों, धार्मिक नेताओं और बच्चों जैसे सभी हितधारकों को साथ लिया जाएगा ताकि देश से 2030 तक बाल विवाह का खात्मा किया जा सके।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 27 नवंबर 2024 को नई दिल्ली में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की थी जिसका लक्ष्य 25 करोड़ लोगों तक पहुंचना है। देश के 416 जिलों में बाल विवाह के खात्मे के लिए अभियान चला रहे 250 गैर सरकारी संगठनों के नेटवर्क ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ ने अकेले ही 2,50,000 बाल विवाह रुकवाए हैं। जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन के जमीनी हस्तक्षेपों और जनहित याचिकाओं के नतीजे में 2024 में बच्चों की सुरक्षा के लिए कई ऐतिहासिक फैसले आए हैं।

बच्चों के प्रति इस सबसे घृणित अपराध के खिलाफ वैश्विक समुदाय की प्रतिबद्धता और इसकी तात्कालिकता को रेखांकित करते हुए भुवन ऋभु ने कहा, “आज का दिन हर मायने में हमारे लिए ऐतिहासिक है। ‘बाल विवाह मुक्त विश्व’ के सपने के साथ शुरू हुआ यह सफर बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई में तमाम देशों और सरकारों के शामिल होने से धीरे-धीरे वास्तविकता में बदलने लगा है।”

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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव

   

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