नेपाल सरकार ने एक दशक में 28,500 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता बढ़ाने की योजना को मंजूरी दी

काठमांडू, 02 जनवरी (हि.स.)। नेपाल में ऊर्जा परिदृश्य को बदलने और बिजली उत्पादन क्षमता को 28,500 मेगावाट तक बढ़ाने के लिए सरकार ने 2025 से 2035 तक के लिए 10 साल की नई ऊर्जा योजना को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में पारित इस योजना को 'ऊर्जा विकास रोडमैप और कार्य योजना-2025' का नाम दिया गया है।

ऊर्जा मंत्री दीपक खड़का ने बताया कि इस योजना का लक्ष्य 2035 तक देश में 28,500 मेगावाट बिजली उत्पन्न करना है। इस समय नेपाल में हाइड्रोपावर से 3,200 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। हालांकि, गर्मी के महीने में नेपाल के लिए यह अधिक बिजली का उत्पादन है, लेकिन सर्दियों में भारत से करीब 650 मेगावाट बिजली का आयात करना पड़ता है। नेपाल विद्युत प्राधिकरण के मुताबिक गर्मियों में नेपाल से भारत के तरफ 950 मेगावाट बिजली का निर्यात किया जा चुका है।

इतना ही नहीं, वर्ष 2024 के नवंबर में नेपाल ने भारत के रास्ते बांग्लादेश को भी 40 मेगावाट बिजली का निर्यात किया था, जो इस वर्ष 15 जून से पुनः शुरू किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री खड़का ने बताया कि दिसंबर से अप्रैल तक नेपाल में 650 मेगावाट बिजली की कमी रहती है, जिसे भारत से आयात करके पूरा किया जाता है। उन्होंने बताया कि नई ऊर्जा नीति का पहला लक्ष्य बिजली उत्पादन को बढ़ाकर नेपाल में 6 महीने होने वाली बिजली की कमी को समाप्त करना है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि सन 2025 में भारत सरकार के 3 हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट का काम पूरा होने के बाद इस समस्या से निजात पाया जा सकता है।

मंत्री खड़का ने कहा कि जलविद्युत परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए निवेश के सभी तरीकों के विकल्प को खुला रखा गया है। नेपाल को 2035 तक 28,500 मेगावाट बिजली पैदा करने के लिए 6232 बिलियन रुपये के निवेश की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकार, निजी क्षेत्र और विदेशी निवेश के नियमों को सरल बनाने के काम को प्राथमिकता देने वाली है। उन्होंने यह भी बताया कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ऊर्जा निवेश से संबंधित कई कानूनों को बदलने पर भी तेजी से काम चल रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास

   

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