पंजाबी कविता और संस्कृति पर सेमिनार आयोजित किया

पंजाबी कविता और संस्कृति पर सेमिनार आयोजित किया


जम्मू, 10 फ़रवरी । राजकीय डिग्री कॉलेज (जीडीसी) रामगढ़ ने जम्मू और कश्मीर कला, संस्कृति और भाषा अकादमी (जेकेएएसीएल) के सहयोग से पंजाबी कविता और संस्कृति पर एक दिवसीय सेमिनार आयोजित किया, जिसमें छात्रों के बीच भाषाई और साहित्यिक जागरूकता को बढ़ावा दिया गया। यह कार्यक्रम जीडीसी रामगढ़ की प्रिंसिपल प्रो. (डॉ.) गीतांजलि अंदोत्रा ​​के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।

सेमिनार की शुरुआत पंजाबी विभाग के प्रमुख प्रो. (डॉ.) स्नोबर के ज्ञानवर्धक व्याख्यान से हुई, जिसमें पंजाबी साहित्य के महत्व पर आकर्षक चर्चा के लिए मंच तैयार किया गया। इस अवसर पर जेकेएएसीएल की हरविंदर कौर (जेकेएएस); जेकेएएसीएल के शीराज़ा पंजाबी के संपादक पोपिंदर सिंह पारस सीनियर; प्रख्यात पंजाबी आलोचक डॉ. सुखविंदर सिंह; वरिष्ठ पत्रकार और लेखक जंग एस वर्मन; और डॉ. लेख राज सहित कई सम्मानित अतिथि मौजूद थे।

अपने स्वागत भाषण में प्रो. (डॉ.) गीतांजलि अंदोत्रा ​​ने पंजाबी भाषा और संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन में इस तरह की पहल के महत्व पर जोर दिया। वक्ताओं ने पंजाबी की भाषाई समृद्धि और जम्मू-कश्मीर के साहित्यिक परिदृश्य में इसके योगदान पर प्रकाश डाला। हरविंदर कौर ने युवाओं के बीच पारंपरिक भाषाओं को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता पर जोर दिया और भविष्य में इसी तरह के आयोजन करने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। एक जीवंत कविता पाठ सत्र मुख्य आकर्षण था जिसमें प्रसिद्ध कवियों और छात्रों ने पंजाबी साहित्य की सुंदरता का जश्न मनाते हुए अपनी रचनात्मक रचनाएँ प्रस्तुत कीं। डॉ. सुखविंदर सिंह, जंग एस. वर्मन, डॉ. लेख राज और डॉ. स्नोबर ने उल्लेखनीय योगदान दिया।

सेमिनार में छात्रों ने पारंपरिक पंजाबी लोक नृत्य-गिद्दा और भांगड़ा-प्रस्तुत किया जिससे कार्यक्रम में ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ। सेमिनार में डॉ. अदिति खजूरिया, प्रो. संदीप कुमारी, अशोक कुमार (पीटीआई), प्रो. ब्रह्मदत्त, डॉ. शिवाली पंजगोत्रा, डॉ. नीरज, प्रिया शर्मा, अंजलि और विकास सहित संकाय सदस्यों की सक्रिय भागीदारी देखी गई, साथ ही कॉलेज के छात्र भी शामिल हुए।

   

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