पीयूष गोयल ने सीआईआई के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और विनियामक मामलों के पोर्टल का शुभारंभ किया

-राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली पर उद्योग से प्राप्त इनपुट इसके कामकाज के लिए अभिन्न अंग

-तेज और स्मार्ट प्रोसेसिंग के लिए राज्य और केंद्रीय पोर्टलों में प्रौद्योगिकी उन्नयन आवश्यक

नई दिल्ली, 28 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को भारत के कारोबारी माहौल के बारे में जानकारी के साथ-साथ सुधार के लिए सुझाव प्राप्त करने और उन पर नज़र रखने के लिए सीआईआई ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) और विनियामक मामलों के पोर्टल का शुभारंभ किया। इस पोर्टल के जरिये सरकार और सीआईआई दोनों की ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस पर प्रमुख पहलों की स्थिति और अहम जानकारी मिल सकेगी। उपयोगकर्ता पारदर्शिता, जवाबदेही, सार्थक और चिंताओं का समय पर समाधान सुनिश्चित करते हुए वास्तविक समय के आधार पर प्रगति और प्रस्तुतियों को ट्रैक कर सकते हैं।

इस पोर्टल का शुभारंभ आज नई दिल्ली में उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) – भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस पर दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन में किया गया। इस अवसर पर गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार सहकारी संघवाद में विश्वास करती है और व्यवसायों तथा नागरिकों के जीवन को बेहतर और आसान बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने उद्योग और राज्य सरकारों के प्रतिभागियों से काम करने के नए विचारों के प्रति खुले रहने की अपील की, उन्होंने कहा कि मानसिकता में बदलाव और विचारों को स्वीकार करने के लिए तैयार रहने से व्यवसायों पर कई गुना प्रभाव पड़ता है। मंत्री ने दोहराया कि निवेशकों की पहचान करने और उनकी व्यावसायिक आवश्यकताओं के अनुसार अनुमोदन के लिए आवेदन करने के लिए सरकार की राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली (एनएसडब्ल्यूएस) मार्गदर्शिका को उद्योग से इनपुट की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि जब तक उद्योग राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली से नहीं जुड़ेगा, इसके माध्यम से लाइसेंस प्राप्त नहीं करेगा और इसे बेहतर बनाने के लिए केंद्र और औद्योगिक भूमि बैंक को इनपुट भी नहीं देगा, तब तक यह पहल सफल नहीं होगी। जन विश्वास 2.0 विधेयक पर मंत्री ने कहा कि सरकार 300 से अधिक कानूनों को अपराधमुक्त करने के लिए सक्रिय रूप से विचार कर रही है। उन्होंने सीआईआई से अपने सदस्यों को कानून की भावना का सम्मान करने के लिए जागरूक करने का आग्रह किया और इस बात पर प्रकाश डाला कि कानूनी खामियों का फायदा उठाकर मुनाफा कमाने की प्रवृत्ति अर्थव्यवस्था और व्यापार करने की सुगमता के लिए हानिकारक है।

गोयल ने बताया कि राज्य और केंद्र स्तर के सरकारी पोर्टलों को अधिक चुस्त, तेज, स्मार्ट और आधुनिक बनाने के लिए उनमें तकनीकी उन्नयन की आवश्यकता है। उन्होंने गलत सूचना के प्रसार पर लगाम लगाने की आवश्यकता पर भी बात की और उद्योग से समस्या क्षेत्रों को पहचानने और सरल परिवर्तन करने का आग्रह किया, जिसका अखिल भारतीय प्रभाव हो सकता है। मंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित हितधारकों से तीन गुना गति, तीन गुना अधिक मेहनत और तीन गुना अधिक उत्पादन प्राप्त करने का आग्रह किया, ताकि अगले तीन वर्षों में भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाया जा सके। तीनों की शक्ति के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि सरकार, उद्योग निकायों और हितधारकों की शक्ति एक साथ मिलकर व्यापार और कानूनी प्रक्रियाओं में बदलाव ला सकती है।

आगे सुधार के लिए फीडबैक के महत्व पर जोर देते हुए गोयल ने कहा कि सरकार और हितधारकों के बीच तालमेल से व्यापार करने की आसानी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। प्रतिभागियों से बदलाव की गति बनाने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि यदि राज्य, केंद्र, स्थानीय निकाय और उद्योग एक साथ मिलकर काम करते हैं तो देश में परिवर्तनकारी परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने सुझाव दिया कि सीआईआई को एक ठोस, समयबद्ध कार्य योजना बनानी चाहिए और उद्योगों के साथ मिलकर आर्थिक प्रगति के लिए भारतीय व्यवसायों को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता बनानी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि उद्योग निकाय विनियमनों को आसान बनाने और व्यवसायों के विस्तार में हितधारकों और सरकार के बीच एक सेतु की भूमिका निभाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव

   

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