मणिपुर बजट पर चर्चा के दौरान अरुण सिंह ने विपक्ष को दिखाया आईना

नई दिल्ली, 17 मार्च (हि.स.)। मणिपुर बजट वित्त विधेयक पर सोमवार को राज्यसभा में चर्चा के दौरान भाजपा सदस्य अरुण सिंह ने विपक्षी सदस्यों के आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस पार्टी और यूपीए सरकार के सहयोगी दलों को आड़े हाथों लिया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि किस प्रकार कांग्रेस और यूपीए राज में मणिपुर में हिंसा होने पर सरकारी तंत्र वहां के लोगों की सुध लेना मुनासिब नहीं समझता था जबकि मौजूदा मोदी सरकार वहां युद्ध स्तर पर चौतरफा विकास के प्रयास कर रही है।

अरुण सिंह ने कहा कि मणिपुर में किस तरह से शांति व्यवस्था चल रही है। यह देश को जानना चाहिए। उन्होंने कहा कि मणिपुर में दो समुदायों के बीच जो हिंसा चल रही है, उन्हें आपस में बांटने का काम कांग्रेस की सरकार ने ही किया। 1993 में जब मणिपुर में दंगे हुए तो 750 मौतें हुईं और 305 गांव तबाह हुए। उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी लेकिन तत्कालीन गृहमंत्री वहां नहीं गए। इस समय केंद्र में भाजपा-एनडीए की सरकार है। यहां के गृहमंत्री अमित शाह तीन दिन जाकर मणिपुर में रहे जबकि गृह राज्यमंत्री तीन महीने जाकर वहां रहे। कांग्रेस और भाजपा की सरकार में यही फर्क है। 1993 में जब मणिपुर जलता था तब गृहमंत्री ने कभी संसद में जवाब नहीं दिया। संसद में तत्कालीन गृह राज्य मंत्री मणिपुर पर जवाब देते थे।

मोदी राज में मणिपुर में किस तरह से तेज विकास हो रहा है, उसकी चर्चा करते हुए अरुण सिंह ने कहा कि करीब 7000 लोग रिलीफ कैंप से अपने घरों में लौट चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 400 करोड़ रुपये का पैकेज दिया। अभी बजट में भी 500 करोड़ रुपये कंटीजेंसी फंड के लिए दिया है। इसके अलावा वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 1861 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च की भी व्यवस्था की गई है। 6 दिसंबर को देश में 28 नवोदय विद्यालय खोलने का निर्णय किया गया, जिनमें से तीन विद्यालय मणिपुर में खोले जाएंगे। 7 मार्च 2024 को 10 हजार 37 करोड़ रुपये की जो घोषणा औद्योगिक और रोजगार के लिए की गईं, उसमें से भी एक बड़ा हिस्सा मणिपुर में जाएगा। यह मोदी सरकार का मणिपुर के लिए विकासोन्मुखी नजरिया है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने देश की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मणिपुर में बनाई है। 2017-18 में मंजूर हुई योजनाएं जो अभी चल रही हैं, उनमें 8 सड़कें और पुलों के लिए 375 करोड़ रुपये की राशि से स्वीकृत हुई थी। सड़कों के अलावा 235 प्रोजेक्ट मंजूर हुए। 2411 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट और दिए गए। टेक्निकल यूनिवर्सिटी, आईटी के सेक्टर के लिए तथा मेंटल हॉस्पिटल आदि भी स्वीकृत किए गए हैं। मोदी सरकार पूर्वोत्तर के लिए दिल खोल कर धन और परियोजनाएं दे रही है।

अरुण सिंह ने कहा कि इसके विपरीत यूपीए राज में मणिपुर को 2004 -14 के दौरान 7696 करोड़ रुपये टैक्स रेवुल्यूशन के रूप में दिए गए थे जबकि मोदी सरकार ने इस मद में 46,312 करोड़ रुपये दिए हैं। यूपीए ने ग्रांट में 31000 करोड़ दिया था जबकि मोदी राज में 76000 करोड़ रुपये दिए हैं। 50 नेशनल हाइवे (1026 किमी) मणिपुर में हमारी सरकार ने स्वीकृत किए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने भूमिपूजन कर के 3400 करोड़ रुपये की तमाम परियोजनाएं 9 मार्च 2024 को दी हैं। उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मोदी सरकार कैसे मणिपुर की मदद कर रही है, उसे मणिपुर के लोगों से पूछिए।

इससे पहले मणिपुर विनियोग विधेयक, 2025 पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि सरकार ने मणिपुर को उसके हाल पर छोड़ दिया है। आज हमें मणिपुर पर चर्चा के लिए सदन में आवाज उठानी पड़ती है, जबकि इसके लिए सरकार को खुद आगे आना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मणिपुर में 60 हजार लोग बेघर हो गए लेकिन जब राहुल गांधी के साथ हम 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' में मणिपुर गए तो उन्होंने अपने दुख को भूलकर हमारा स्वागत किया। मणिपुर में टेम्पररी शेल्टर के लिए 15 करोड़ रुपये, हाउसिंग डिस्प्लेसमेंट के लिए 35 करोड़ रुपये और रिलीफ के लिए 100 करोड़ रुपये दिए गए हैं। मणिपुर के बजट पर दृष्टिपात करने से पता चलता है कि रेवेन्यू एक्स्पेंडिचर 61% और कैपिटल एक्स्पेंडिचर 39% है। ऐसे में हम कैसे मणिपुर के विकास की बात कर रहे हैं। मणिपुर में 2023-24 में मनरेगा का 50% फंड रिलीज नहीं किया गया। शक्ति सिंह ने मांग कि कि प्रधानमंत्री मोदी मणिपुर जाएं, क्योंकि रूस-यूक्रेन की वॉर रुकवाने से ज्यादा जरूरी मणिपुर में शांति है।

आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने पब्लिक डोमेन में उपलब्ध मणिपुर से सम्बन्धित एक आडियो बातचीत का मुद्दा उठाया और उसकी जांच कराने की मांग की। एमडीएमके के वाइको ने भी चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री पर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं, जिसे नेता सदन जेपी नड्डा के अनुरोध पर उप सभापति हरिवंश ने कार्यवाही से निकालने के निर्देश दिए।

इस चर्चा में भाग लेने वाले अन्य सदस्यों में राजद के प्रो. मनोज कुमार झा, एआईडीएमके के डा. एम तंबी दुरै, कांग्रेस के जीसी चंद्रशेखर, डीएमके के पी. विल्सन, एमडीएमके वाइको, सीपीआई के संदोष कुमार पी., सपा के रामजी लाल सुमन और केसी (एम) के जोश मणि आदि प्रमुख रहे। इस चर्चा में कुल पांच बिल हैं, जिनमें तीन मणिपुर से और दो बिल केंद्र सरकार से संबन्धित हैं।

इस चर्चा के बाद उप सभापति हरिवंश ने सदन की कार्यवाही मंगलवार पूर्वाह्न 11.00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव

   

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