हिसार : मानवता, सिखों व गुरुघर की सेवा के उद्देश्य से किया गया हरियाणा सिख पंथक दल का गठन : स. सुखसागर सिंह

हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव के लिए हरियाणा सिख पंथल दल के

उम्मीदवार सुखसागर सिंह ने की प्रेस वार्ता

हिसार, 14 जनवरी (हि.स.)। हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव के हरियाणा

सिख पंथक दल के उम्मीदवार एवं एवं हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व सदस्य

सरदार सुखसागर सिंह ने कहा कि हरियाणा के सिखों द्वारा सिखों, मानवता एवं गुरु घर

की सेवा की उद्देश्य से हरियाणा सिख पंथक दल पार्टी का गठन किया है। उन्होंने हरियाणा

गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी चुनाव के लिए हरियाणा सिख पंथक दल से उम्मीदवार के तौर पर

नामांकन भरा है जिसका रजिस्टर्ड चुनाच चिन्ह ढोलक है। हमारा हमेशा से ही उद्देश्य मानवता

और गुरु घर की सेवा का रहा है और इसके माध्यम से हम इसी रास्ते पर आगे बढ़ेंगे। यह बात उन्हाेंने मंगलवार काे पत्रकार वार्ता में कही।

सरदार सुखसागर ने स्वयं द्वारा किए जनहित

के कार्यों को गिनवाते हुए बताया कि साल 2000 में भिवानी की सडक़ों, सपीड ब्रेकरों पर

खंडा आदि चिन्ह वाली टाइलें लगाई गई थी जिससे पवित्र चिन्हों की बेअदबी हो रही थी।

धार्मिक फर्ज समझते हुए उन्होंने इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ी व आगे से ऐसा न हो यह

सुनिश्चित किया गया। काफी समय पहले हांसी में लुधियाना से आए ट्रक ड्राइवर की एक पार्टी

के नेता की गाड़ी से टक्कर हो गई तो कार सवार ने अमृतधारी सिख की दाढ़ी को जड़ से उखाडक़र

उसके हाथ में दे दिया। बाद में थाने में उसी से कोरे कागज पर साइन करवा लिए गए। उस

समय घटना का पता चलने पर मैंने अपने नाम से खुद एफआईआर दर्ज करवाकर उस ट्रक ड्राइवर

को न्याय दिलाया था।वहीं एक निजी स्कूल में

छठी कक्षा में गुरु गोबिंद सिंह जी को कातिल के रूप में पढ़ाया जा रहा था जिस पर उन्होंने

खुद संज्ञान लेकर उस किताब को जब्त करवाया व हमेशा के लिए बंद करवाया। 1984 के दंगों

में लोगों को मुआवजा व न्याय दिलवाने के लिए उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी और उन्हें मुआवजा

दिलवाया तथा 1987 के दंगों का केस अभी भी लड़ रहा हूं।

सुखसागर सिंह ने बताया कि हिसार के गवर्नमैंट कॉलेज में पंजाबी भाषा पढ़ाई

जाती थी और वहां पंजाबी भाषा के छात्र भी थे लेकिन हरियाणा सरकार द्वारा यहां से पंजाबी

की लैक्चरर को हटाकर नारायणगढ़ भेज दिया गया जिसका अल्प संख्यक आयोग में केस लडक़र यहां

वापिस पंजाबी लैचररर्स नियुक्ति करवाई जिसके तहत हरियाणा में जितने भी पंजाबी शिक्षक

नियुक्त किए गए थे वे पढ़ाएंगे तो हरियाणा में लेकिन उन्हें वेतन केंद्र सरकार की ओर

से दिया जा रहा है। वहीं अग्रोहा में एक सरपंच के लिखकर देने पर बीडीओ द्वारा अग्रोहा

में सिखों के घरों को तोडऩे की कार्यवाही की जा रही थी जिसे मैंने प्रशासन से बातचीत

करके रुकवाया और इस मामले में न्यायालय का सहारा लेकर स्टे दिलवाया। वहीं जरूरतमंद

गरीब पढऩे वाले बच्चों को अपने फंड से फीस देकर उनकी शिक्षा में उनकी सहायता की।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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