बटोही सहरसा के आदिवासी कलाकार विनोद बेसरा को मिला राष्ट्रीय संस्कृति फैलोशिप

सहरसा, 23 जनवरी (हि.स.)।

मत्स्यगंधा झील के किनारे स्थित बटोही कलाग्राम के आदिवासी कलाकार विनोद बेसरा को संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय संस्कृति फैलोशिप प्रदान किया गया।यह फैलोशिप उन्हें समाज संगरई संथाली वीर गाथा परम्परा के शोध एवं प्रस्तुति के लिए प्रदान किया गया है। वह यह फैलोशिप शोध निदेशक डॉ ओम प्रकाश भारती के मार्गदर्शन में दो वर्ष में पूरा करेंगे।

विनोद बेसरा पिछले 15 वर्षों से संथाल जनजाति की कला एवं संस्कृति के विकास एवं प्रसार कार्य में लगे हुए हैं।वह संथाली संगीत वाद्य त्रियो बांसुरी, तुम्दाह मादल तथा नागारा आदि वाद्यों को बजाने में प्रवीण हैं।बटोही सहरसा के कलाकार के रूप में वह दोंग, बाहा, लंगरई, तथा करमा आदि नृत्य गीतों की प्रस्तुति पूर्व क्षेत्र संस्कृति केंद्र कोलकाता द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव दिल्ली,आदिबिम्ब अंदमान निकोबार,असम, सिक्किम,मिजोरम,त्रिपुरा, मेघालय सहित कला एवं संस्कृति विभाग बिहार सरकार द्वारा आयोजित विभिन्न महोत्सवों में अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं।

उन्हें संथाली वाद्य यंत्रों के निर्माण में महारत हासिल है।उन्होंने संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के प्रति आभार जताते हुए कहा यह फैलोशिप केवल मेरे लिए नहीं बल्कि बिहार के समस्त आदिवासी समाज के लिए सम्मान की बात है।शायद बिहार का पहला आदिवासी कलाकार हूँ जिसे यह फैलोशिप दिया गया है। हम भारत सरकार के बहुत बहुत आभारी हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / अजय कुमार

   

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