योग बद्री पांडुकेश्वर पहुंचे उद्धव-कुबेर, शीतकाल में यहीं देंगे दर्शन
- Admin Admin
- Nov 18, 2024
19 नवंबर को जोशीमठ पहुंचेगी आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी
पांडुकेश्वर/जोशीमठ, 18 नवंबर (हि.स.)। विश्व प्रसिद्ध बद्रीनाथ धाम के कपाट गत रविवार को शीतकाल के लिए बंद होने के बाद सोमवार सुबह सेना के बैंड के साथ उद्धवजी, कुबेरजी एवं आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी दोपहर बाद बद्रीनाथ से योग बदरी पांडुकेश्वर मंदिर पहुंच गई। देव डोलियों का जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया।
शीतकाल में उद्धवजी एवं कुबेरजी पांडुकेश्वर में प्रवास करेंगे, जबकि पांडुकेश्वर पहुंची आदि गुरू शंकराचार्य की गद्दी 19 नवंबर को रावल धर्माधिकारी वेदपाठी सहित नृसिंह मंदिर जोशीमठ के लिए प्रस्थान हाेगी। साेमवार काे बद्रीनाथधाम से उद्धवजी, कुबेरजी एवं आदि गुरु शंकराचार्य की पवित्र गद्दी को बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने योग बदरी पांडुकेश्वर के लिए रवाना किया। इस अवसर पर अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी, प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी, पूर्व धर्माधिकारी आचार्य भुवन चंद्र उनियाल भी मौजूद रहे। देव डोलियों के साथ रावल अमरनाथ नंबूदरी, स्वामी मुकुंदानंद महाराज सहित बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान वेदपाठी रविंद्र भट्ट, नायब रावल सूर्यराग नंबूदरी, प्रकाश भंडारी सहित बड़ी संख्या में तीर्थयात्री योग बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचे।
बद्रीनाथ धाम से देव डोलियों के योग बदरी पांडुकेश्वर पहुंचने पर हनुमान चट्टी, लामबगड़, पांडुकेश्वर बाजार में श्रद्धालुओं ने देव डोलियों के दर्शन किए और पुष्प वर्षा से स्वागत किया। कुबेर मंदिर पांडुकेश्वर में कुबेर जी की देव डोली कुछ देर रूककर योग बदरी मंदिर पहुंची। कुबेर मंदिर के निकट कुबेर देवरा समिति पदाधिकारियों ने देव डोलियों तथा रावल, बीकेटीसी उपाध्यक्ष धर्माधिकारी, वेदपाठी, साधु—संतों का भव्य स्वागत किया और कुबेर जी का स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर महिला मंगल दल पांडुकेश्वर ने देव डोलियों के स्वागत में मांगल गीत गाए।
इसके बाद देव डोलियां योग बदरी मंदिर पांडुकेश्वर प्रांगण पहुंचीं, जहां रावल सहित बीकेटीसी उपाध्यक्ष, धर्माधिकारी वेदपाठियों ने भगवान योग बदरी के मंदिर में दर्शन किए। इसके पश्चात उद्धव जी एवं कुबेर जी योगबदरी में विराजमान हुए। इस अवसर पर पुजारी राजेंद्र डिमरी तथा परमेश्वर डिमरी ने पूजा अर्चना संपादित की। श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया। योग बदरी मंदिर से कुबेर जी अपने मूल मंदिर आकर शीतकाल में दर्शन देंगे। जबकि शीतकाल में उद्धव जी योग बदरी मंदिर में ही दर्शन देंगे।
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि उद्धवजी एवं कुबेरजी शीतकाल में योगबदरी पांडुकेश्वर प्रवास करेंगे तथा आदि गुरु शंकराचार्यजी की पावन गद्दी 19 नवंबर मंगलवार को पूर्वाह्न 10 बजे योग बदरी पांडुकेश्वर से प्रस्थान कर नृसिंह मंदिर जोशीमठ स्थित गद्दी स्थल पहुंचेगी। इसी के साथ योग बदरी पांडुकेश्वर तथा नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजाएं भी शुरू हो जाएंगी।
हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण