मुख्यमंत्री सुक्खू ने ग्रामीण विकास विभाग की बैठक में डिजिटल कार्यप्रणाली अपनाने के निर्देश दिए

शिमला, 01 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक की। उन्हाेंने अध्यक्षता करते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने विभाग को डिजिटल कार्यप्रणाली अपनाने के निर्देश दिए ताकि ग्रामीणों को सरकारी सेवाओं तक निपुणता से पहुंच मिल सके।

मुख्यमंत्री ने बताया कि 27 अप्रैल 2024 से ई-परिवार रजिस्टर का कार्यान्वयन अनिवार्य किया गया है और अब तक 18.96 लाख परिवारों का पंजीकरण किया जा चुका है। इसके साथ ही दिसंबर 2024 से पशुधन पंजीकरण की प्रक्रिया भी इसी पोर्टल के माध्यम से शुरू की गई है।

सुक्खू ने बताया कि ग्राम पंचायत भवनों में 780 कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) स्थापित किए गए हैं, जिससे ग्रामीणों को परिवार नकल, विवाह प्रमाण पत्र और बीपीएल प्रमाण पत्र जैसी सेवाओं का ऑनलाइन लाभ मिल रहा है। 2024-25 में अब तक 11,016 परिवार नकल, 3,595 विवाह प्रमाण पत्र और 5,004 बीपीएल प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने मनरेगा मजदूरी में ऐतिहासिक वृद्धि का भी उल्लेख किया, जिससे श्रमिकों की मजदूरी 240 रुपये से बढ़कर 300 रुपये प्रतिदिन हो गई है। इसके अलावा, महिला स्वयं सहायता समूहों की आय बढ़ाने के लिए सात फूड वैन वितरित की गईं हैं और अगले वित्त वर्ष में 60 और फूड वैन उपलब्ध करवाई जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने विभाग को स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों और प्राकृतिक खेती के उत्पादों के विपणन में सुधार लाने की भी बात कही और राज्य सरकार की हिम-ईरा ई-कॉमर्स वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन बिक्री को बढ़ावा देने का निर्देश दिया।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला

   

सम्बंधित खबर