आत्मीयता और समर्पण पर निर्भर है दाम्पत्य जीवन: विजय शंकर मेहता
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- Nov 07, 2024
जयपुर, 7 नवंबर (हि.स.)। जगतपुरा स्थित श्री कृष्ण बलराम मंदिर में एक दिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया, जिसमें जीवन प्रबंधन गुरु विजय शंकर मेहता ने श्रद्धालुओं को संबोधित किया । उन्होंने कहा कि भारत के पास आने वाले बीस साल में वह सब कुछ होगा जो किसी विकसित देश के पास होगा, लेकिन इस दौरान हमें परिवार व्यवस्था और रिश्तों को बचाए रखने की चुनौती से भी जूझना पड़ेगा। संस्कृति युवा संस्था की ओर से दाम्पत्य जीवन प्रबंधन विषयक व्याख्यान में बड़ी संख्या में युवा पति-पत्नी और विवाह बंधन में बंधने जा रहे युवा जोड़े शामिल हुए।
विजय शंकर मेहता ने कहा कि हमारा पारिवारिक जीवन प्रमुख रूप से पांच आधारों पर टिका है। ये हैं माता-पिता, भाई-भाई, भाई-बहन, पति-पत्नी और अन्य रिश्तेदार। इसके केंद्र में पति-पत्नी का संबंध है। अमेरिका जैसे विकसित देशों में परिवारों का ढांचा ध्वस्त हो चुका है। हमारे यहां भी परिवार व्यवस्था पर खतरा मंडरा रहा है। हमें अमेरिका जैसी गलती नहीं करनी है।
माता-पिता, भाई-भाई, भाई-बहन के संबंध जीवन में आत्मिक शांति देते है। वहीं पति-पत्नी के संबंधों पर ज्यादा जिम्मेदारी है। इसलिए पति-पत्नी का झगड़ा कलह में न बदले। झगड़ा दोनों तक सीमित रहे। इसका असर बच्चों और परिवार के अन्य संबंधों पर नहीं पड़े। इस दौरान विजय शंकर मेहता ने सुखी वैवाहिक जीवन के सूत्र भी बताए।
मेहता ने कहा कि विवाह वस्तुत:चेतना के स्तर पर मिलन और मिश्रण प्रक्रिया का ही शुभारंभ है। विवाह में नर और नारी दो भिन्न तरह की जैविक इकाइयां हृदय से एक दूसरे के प्रति समर्पित होती तथा नए व्यक्तित्व का निर्धारण करके, एक दूसरे का कायाकल्प करते हैं। एक दूसरे के व्यक्तित्व में घुल मिल जाना ही विवाह का मूल प्रयोजन है। व्यक्तित्व में घुलनशीलता, एकात्म स्थिति प्राप्त करना और प्रखर प्रक्रिया संपन्न संतान को जन्म देना विवाह का उद्देश्य है। नर और नारी की अपूर्णताओं को एक दूसरे की विशेषताओं से पूरी करके, एक दूसरे का पूरक बनते हुए पूर्णता को प्राप्त करना ही दाम्पत्य जीवन का मूलभूत प्रयोजन है। जहां पति-पत्नी की प्रकृति मिल जाती है और दोनों में परस्पर सघन सहयोग होता है, वहीं विवाह सार्थक है।
प्रारंभ में आयोजक संस्कृति युवा संस्था के अध्यक्ष पं.सुरेश मिश्रा ने विजय शंकर मेहता का माल्यार्पण और साफा पहनाकर अभिनंदन किया। मिश्रा ने कहा कि नए जीवन की शुरुआत करने वालों को इस व्याख्यान से बहुत अच्छा मार्गदर्शन मिला।
वैवाहिक जीवन की शुरुआत करने वाले ऋषभ शर्मा और सौम्यता मिश्रा ने कहा व्याख्यानमाला में उनकी सभी जिज्ञासाओं का समाधान हुआ। मन में जो प्रश्न थे उनका समाधान हुआ। कार्यक्रम में शामिल होने आए कमलेश शर्मा ने कहा कि गृहस्थ जीवन में प्रवेश करने वालों के लिए ऐसे सेमिनार समय-समय पर आयोजित किए जाने चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश