बजट : हरियाणा सरकार ने कल्पना चावला के नाम पर घोषित की छात्रवृति योजना, सालाना एक लाख रुपये की मदद

बीएससी में डिग्री करने वाली बेटियों की ट्यूशन फीस होगी माफ

चंडीगढ़, 17 मार्च (हि.स.)। हरियाणा के कॉलेजों के विद्यार्थियों को साइंस, प्रोद्यौगिकी व इंजीनियरिंग की ओर आकर्षित करने के लिए ‘कल्पना चावला छात्रवृत्ति’ योजना शुरू की जाएगी। कॉलेजों में विज्ञान और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाली स्नातक और स्नातकोत्तर की छात्राओं को इसके तहत सालाना एक लाख रुपये वार्षिक बतौर छात्रवृत्ति मिलेगी। सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष के बजट में इस योजना का प्रावधान

किया है।

राज्य सरकार ने बजट में प्रावधान किया कि प्रदेश के सभी कॉलेजों में बीएससी संकाय की बेटियों की ट्यूशन फीस भी माफ होगी।

फीस माफी का लाभ उन सभी बेटियों को मिलेगा, जिनके परिवार की सालाना आय 3 लाख रुपये से कम है। राज्य की नायब सरकार ने बजट में हर जिले में एक राजकीय महाविद्यालय को मॉडल संस्कृति महाविद्यालय के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। सरकार ने अपने इस बजट में

विद्यार्थियों व शिक्षकों में अनुसंधान (रिसर्च) के प्रति आकर्षित करने के लिए सरकार ने अलग से ‘हरियाणा राज्य अनुसंधान कोष’ स्थापित करने का फैसला लिया है। इस कोष के लिए बजट में 20 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया है।

प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में उद्योग-अकादमिक भागीदारी को अनिवार्य किया जाएगा। इसका मकसद युवाओं की रोजगार क्षमता बढ़ाना है। इसे ध्यान में रखते हुए सभी कॉलेज और यूनवर्सिटी कम से कम 10 प्रतिशत ऐसे कोर्स (पाठ्यक्रम) शुरू करेंगी, जो ‘सीखते हुए कमाएं’ मॉडल पर आधारित होंगे। उद्योगों के साथ मिलकर युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। इतना ही नहीं, इस योजना के तहत चयनित होने वाले विद्यार्थियों को छह हजार रुपये मासिक मानदेय भी मिलेगा।

पहले चरण में इस योजना के लिए बजट में 36 करोड़ रुपये अलॉट किए हैं।

कौशल विवि के सर्टिफिकेट रोजगार में मान्य

पलवल स्थित श्रीविश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय से व्यावसायिक शिक्षा में प्रमाण-पत्र हासिल करने वाले युवाओं के लिए अच्छी खबर है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस यूनिवर्सिटी के प्रमाण-पत्र रोजगार अवसरों में मान्य होंगे। साथ ही, प्र प्रोफेशनल एजुकेशन को और अधिक लचीला बनाने के लिए क्रेडिट पोर्टेबिलिटी प्रणाली लागू की जाएगी। इससे अनेक अर्जित क्रेडिट को उच्च शिक्षा में भी मान्यता दिलाई जाएगी।

बजट में करनाल के नीलोखड़ी और सिरसा के पन्नीवाला मोटा स्थित इंजीनियरिंग संस्थानों को हरियाणा प्रौद्योगिकी संस्थान (एचआईटी) में अपग्रेड करने का प्रावधान किया गया है। तकनीकी संस्थानों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की मांग देश व विदेश में बढ़ने के चलते सरकार ने यह निर्णय लिया है। प्रदेश के तकनीकी संस्थानों के बीच आपसी प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए पुरस्कार योजना शुरू होगी। इसके तहत विभिन्न मापदंडों – प्लेसमेंट, परीक्षा परिणाम, मशीनरी व उपकरणों की उपलब्धा, स्टॉफ की स्थिति, अनुशासन व खेल आदि के आधार पर ग्रेडिंग होगी। प्रथम आने वाले संस्थान को 50 लाख, द्वितीय को 25 लाख और तृतीय को 10 लाख रुपये का इनाम मिलेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

   

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