जावेद राणा ने प्रख्यात गुर्जर नेता और स्वतंत्रता सेनानी लेफ्टिनेंट फैज़ हुसैन इंकलाब पर सेमिनार का उद्घाटन किया
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- Feb 06, 2025
जम्मू 26 फरवरी (हि.स.)। जल शक्ति, वन, जनजातीय मामलों के मंत्री जावेद राणा ने के.एल. सहगल हॉल में प्रख्यात गुर्जर नेता और स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय फैज़ हुसैन इंकलाब पर एक दिवसीय सेमिनार का उद्घाटन किया। कार्यक्रम जम्मू और कश्मीर कला, संस्कृति और भाषा अकादमी द्वारा गोजरी भाषा में ही आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में जम्मू और कश्मीर के प्रमुख लेखकों और विद्वानों ने भाग लिया।
इस अवसर पर सचिव जेकेएएसीएल हरविंदर कौर, मुख्य संपादक जेकेएएसीएल डॉ. जावेद राही, पूर्व एमएलसी रहीम दाद, मशहूर लेखक राशिद आजम इंकलाबी और चौधरी मो. राशिद अध्यक्ष मंडल में बीजीएसबी विश्वविद्यालय राजौरी के पूर्व रजिस्ट्रार भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर बोलते हुए जावेद राणा ने एक समुदाय की पहचान को संरक्षित करने में भाषा के महत्व पर जोर दिया और गोजरी भाषा और आदिवासी संस्कृति को बढ़ावा देने में लेफ्टिनेंट फैज़ हुसैन इंकलाब के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने दोनों सीमावर्ती जिलों के लोगों को सुधारने में इंकलाब की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा कि राष्ट्रीय एकता और बाहरी खतरों के खिलाफ कठिन समय में सीमावर्ती क्षेत्रों की विभिन्न पहचानों को एकजुट करने में उनके योगदान को आने वाले समय में हमेशा याद रखा जाएगा।
मंत्री ने इस उद्देश्यपूर्ण कार्यक्रम को राजधानी शहर में आयोजित करने के लिए जेकेएएसीएल की सराहना की और इस बात पर जोर दिया कि लोगों को अपनी जड़ों से जोड़ने के लिए ऐसे और कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। हरविंदर कौर ने अपने संबोधन में जम्मू-कश्मीर की एक महत्वपूर्ण भाषा के रूप में गोजरी के महत्व को रेखांकित किया और भाषा के संरक्षण, प्रचार-प्रसार और दस्तावेज़ीकरण के लिए जेकेएएसीएल की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने युवा पीढ़ी से लेफ्टिनेंट इंकलाब जैसे नायकों की विरासत को याद रखने और उससे जुड़ने का आग्रह किया।
प्रसिद्ध लेखक चौ. राशिद आजमइंकलाबी ने लेफ्टिनेंट इंकलाब को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी विरासत का सम्मान करने का सबसे अच्छा तरीका गरीबों, वंचितों और दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के उत्थान की दिशा में काम करना है।
सेमिनार में दिवंगत नेता को संगीतमय श्रद्धांजलि भी दी गई जिसमें अयाज़ अहमद सैफ, अनीसा करीम, बरकित हुसैन और क़मर शब्बन ने प्रस्तुति दी उनके साथ बांसुरी पर राकेश आनंद, तबले पर सयाल जसरोत्या और ऑक्टोपैड पर राकेश कुमार थे। कार्यक्रम का समापन महमूद रायज़ द्वारा दिए गए धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ और गोजरी अनुभाग के शौकत नसीम ने कार्यवाही का संचालन किया।
हिन्दुस्थान समाचार / मोनिका रानी



