भारत अब लेने नहीं, बल्कि देने वाला देश है : जेपी नड्डा

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री जेपी नड्डा'विश्व एड्स दिवस' पर इंदौर में जागरूकता पर आधारित प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए'विश्व एड्स दिवस' पर इंदौर में जागरूकता पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए'विश्व एड्स दिवस' पर इंदौर में जागरूकता पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए

-इंदौर में विश्व एड्स दिवस के कार्यक्रम में शामिल हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री इंदौर, 01 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि एक समय ऐसा था, जब भारत में टिटनेस की दवा को 40 साल, टीबी की दवा को 30 साल, डिप्थीरिया की दवा को 30 साल, जापानी बुखार को ठीक करने वाली दवा आने में 100 साल लग गए, लेकिन कोरोना के दो टीके नौ माह में आ गए। जिन्होंने कई लोगों की जिंदगी बचाई। हमने चालीस देशों को मुफ्त कोरोना की दवा दी। यह बदलता भारत है। कोरोना मैनेजमेंट को उठाकर देखिए।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने कहा कि अमेरिका में स्ट्राइक हुई, यूरोप में लोगों ने लॉकडाउन लगाने से रोका, कई देश लॉकडाउन लगाने के लिए तय नहीं कर पाए। वे असमंजस में थे। लेकिन भारत में पहले जनता कर्फ्यू, फिर लॉकडाउन लगाए। भारत ने पीपीई किट बनाए, आईसीयू में जगह तैयार की, सैनेटाइजर, मास्क बनाए। तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जान भी है और जहान भी। दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तेज कोरोना वैक्सीन बनाने का अभियान भारत में चला। अब भारत लेने वाला नहीं, बल्कि देने वाला देश बन चुका है। कोरोना का मैनेजेमेंट देश में प्रभावी रहा। वे रविवार को विश्व एड्स दिवस के अवसर पर इंदौर के खंडवा रोड स्थित देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के ऑडिटोरियम में आयोजित राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (नाको) के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि एड्स को लेकर चर्चा करने में कई संकोच नहीं करना चाहिए। जब मैं इस पर बात कर सकता हूं तो आपको भी समाज में जाकर खुलकर चर्चा करना चाहिए। स्कूलों में कार्यक्रम होना चाहिए। 9वीं-10वीं के बच्चों को जागरूक् करना चाहिए। कैंपेन चलाना चाहिए। हेल्दी बिहेवियर को प्रमोट करना चाहिए। वर्ल्ड एड्स डे एचआईवी और उसके खिलाफ चल रही जंग को डेडिकेट और रि-डेडिकेट करने का दिन है। यह दिन अपने आप को एचआईवी से प्रोटेक्ट करने का दिन है। अभी ऐसी कोई दवा नहीं आई है जो पूरी तरह एचआईवी को ठीक कर सके। दवाएं तो पूरे समय खाना पड़ेंगी, लेकिन दवाओं से व्यक्ति पूरे जीवन स्वस्थ रह सकता है। इसलिए ऐसे लोगों को समाज में जगह देना चाहिए।

नई जनरेशन को एड्स के काले अध्याय की जानकारी नहीं-

नड्‌डा ने कार्यक्रम में मौजूद बच्चों से बात करते हुए कहा कि हमारे समाज ने देश में एड्स की लंबी लड़ाई लड़ी है। लेकिन हमारे नौजवानों ने अंधकार का वो काला दौर नहीं देखा। इसलिए आपको मालूम नहीं है कि एड्स का मतलब क्या है। आप लोगों ने 80 का दसक नहीं देखा। आपको मालूम नहीं है कि एड्स मतलब क्या होता है। उस समय अगर कोई एड्स मरीज किसी को छू जाए तो लोग डर जाते थे। लोग ऐसे परिवारों से दूर रहते थे। हेयर कटिंग सैलून वाला बार-बार अपने उस्तरे को पोछ्ता था तब डर लगता था। यह दौर शायद मुख्यमंत्री, सिलावट और राजेंद्र शुक्ला ने देखा है।

95 फीसदी एचआईवी मरीजों को समय पर इलाज-

नड्‌डा ने कहा कि एक समय था जब दुनिया में एड्‌स की दवा नहीं थी और जब दवा आई तो इतनी महंगी थी कि गरीब आदमी उन दवाओं को ले नहीं सकता था। हमारे देश की कंपनियों ने दुनिया में एड्स की सबसे सस्ती और इफेक्टिव दवाएं बनाईं। इनके माध्यम से हम अफ्रीका, साउथ अफ्रीका, लेटिन अमेरिका समेत कई देशों की मदद कर रहे हैं। हम देश के 95 फीसदी एचआईवी मरीजों तक समय पर दवा पहुंचा रहे हैं।

देश का हेल्थ केयर सिस्टम मजबूत हुआ-

उन्होंने कहा कि आज विज्ञान और खासकर हमारे भारत के लोग हेल्थ केयर सिस्टम को लेकर काफी सजग हो गए हैं। हमारा हेल्थ केयर सिस्टम काफी मजबूत है। वह एड्स पीड़ितों को लंबा जीवन दे सकते हैं। आप लोगों की भी जिम्मेदारी है कि पीड़ितों का ध्यान रखें। जो सर्विस प्रोवाइडर है वह बहुत अच्छा काम कर रहे हैं उनका मनोबल बढ़ाए। मैं इस बीमारी में लगे हेल्थ वर्कर और हेल्थ प्रोवाइडर को सलाम करता हूं। मुझे खुशी है कि जब मैं स्वास्थ्य मंत्री बना तो मुझे एचआईवी प्रोटेक्शन को लेकर एक्ट में सुधार करने का मौका मिला।

लोगों को एकजुट होने की जरूरत-

नड्‌डा ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से कहा कि आप लोगों की उपस्थिति बता रही है कि आप सभी एड्स के खिलाफ लड़ाई लड़ने और प्रोटक्शन को लेकर प्रतिबद्ध है। लोग एड्स पीड़ितों को सामाजिक दृष्टि से देखें और उन्हें मुख्य धारा में लाने का प्रयास करें। इन लोगों को इनका अधिकार दिलाने का दिन है। लोग उनसे घृणा नहीं करें उनकी स्थिति समझें। यह समझें कि वह फिर से ठीक होकर अच्छा जीवन जी सकते हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मंत्री तुलसी सिलावट सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एड्स रोगी को अच्छा इलाज और समाज से मदद मिले तो रोगी इस बीमारी पर जीत हासिल कर जीवन यापन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के बाद देश का स्वास्थ्य विभाग पर विश्वास और पक्का हुआ है। भारत ने तब दूसरे देशों की भी मदद की। कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नड्डा ने 'विश्व एड्स दिवस' पर इंदौर में आयोजित एड्स के प्रति जन-जागरूकता पर आधारित प्रदर्शनी का शुभारंभ कर अवलोकन भी किया। इससे पहले नड्डा विमान से इंदौर के देवी अहिल्याबाई होल्कर एयरपोर्ट पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने उनका स्वागत किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

   

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