सीमांत जनपदों के चार हजार किसान पशुपालकों को प्रोत्साहित करेगी सरकार

-राज्य में पशुधन की योजनाएं धरातल स्तर पर पहुंचेगी: मुख्य सचिव

-आईटीबीपी और उत्तराखंड काॅओपरेटिव फेडरेशन के मध्य होगा शीघ्र एमओयू

देहरादून, 7 अक्टूबर (हि.स.)। धामी सरकार चार सीमांत जनपदों में रिमाइग्रेशन को बढ़ावा देने और पलायन को रोकने के लिए लगभग चार हजार किसान पशुपालकों को प्रोत्साहित करेगी। इस संबंध में आईटीबीपी और उत्तराखंड काॅओपरेटिव फेडरेशन के मध्य जल्द ही एमओयू होगा।

सचिवालय में सोमवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की उपस्थिति में बैठक हुई। इस बैठक में बताया गया कि आईटीबीपी पोस्ट पर सीमांत जिलों चंपावत, चमोली, उत्तरकाशी व पिथौरागढ़ के गांवों के चार हजार से अधिक स्थानीय किसानों/पशुपालकों के माध्यम से मांस के लिए भेंड़, बकरियां, पाॅल्ट्री और ट्राउट मछली की आपूर्ति के संबंध में आईटीबीपी और उत्तराखंड काॅओपरेटिव फेडरेशन के मध्य एमओयू की तैयारियां पूरी कर ली गई है।

इस मौके पर मुख्य सचिव ने एमओयू को वाइब्रेट विलेज प्रोग्राम के लिए प्रभावी पहल बताया। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में पलायन को रोकने और सैनिकों को गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री सुनिश्चित करवाने के उद्देश्य से सभी औपचारिकताएं पूरी कर इस एमओयू को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी व उत्तराखंड सरकार की इस पहल से राज्य में पशुधन की योजनाएं धरातल स्तर पर पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि इससे सीमांत क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलने के साथ ही पशुओं की स्थानीय ब्रीड व पशुधन को बढ़ावा मिलेगा। सीमांत आबादी के लिए रोजगार के अवसरों को गति के साथ ही वोकल फाॅर लोकल को प्रोत्साहन मिलेगा।

बैठक में आईटीबीपी ने राज्य के सीमांत क्षेत्रों में अपने पशु चिकित्सकों की सेवाएं प्रदान करने का प्रस्ताव रखा,जिस पर सहमति देते हुए मुख्य सचिव ने सीएसआर फंड के तहत पशुओं के लिए मेडिकल मोबाइल वैन की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने आईटीबीपी की ओर से प्रस्तावित पर्यटन क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के संबंध में इस विषय पर पर्यटन विभाग के साथ बैठक करने को कहा।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एमओयू को क्रियान्वित करने के लिए उत्तराखंड काॅओपरेटिव फेडरेशन को रिवाॅल्विंग फंड,मार्केटिंग फंड और प्रशासनिक व्ययों पर चर्चा करते हुए इसे भविष्य में सस्टेनेबल मोड पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं।

अन्य सैन्य संस्थाओं के भी कार्य करने के खुलेंगे मार्ग:

मुख्य सचिव ने कहा कि आईटीबीपी और उत्तराखंड काॅओपरेटिव फेडरेशन के मध्य इस एमओयू से अन्य समकक्ष सैन्य संस्थाओं जैसे एसएसबी,सेना आदि के साथ भी इस क्षेत्र में कार्य करने के मार्ग खुलेंगे। इस एमओयू से सीमान्त क्षेत्रों में सप्लाई चेन को मजबूत करने, किसानों को उचित मूल्य मिलेगा। किसानों से सीधे आपूर्ति की व्यवस्था के साथ ही मैदानी क्षेत्रों से आईटीबीपी को पूरे वर्ष बिना बाधा के कम समय में ताजी खाद्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

बैठक में सचिव दिलीप जावलकर,डॉ.बीवीआरससी पुरूषोत्तम,आईजी आईटीबीपी संजय गुंज्याल सहित सहकारिता,वित्त,आईटीबीपी के अधिकारी मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

   

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