बजट में विकास की ललक, विश्वास की महक और विकसित भारत के निर्माण की तड़प है:  शिवराज सिंह चौहान

नई दिल्ली, 1 फ़रवरी (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वित्त मंत्री द्वारा संसद में प्रस्तुत आम बजट में विकास की ललक, विश्वास की महक और विकसित भारत के निर्माण की तड़प है। शिवराज सिंह ने कहा कि यह बजट देश के 140 करोड़ भारतीयों के लिए अभूतपूर्व और आत्मनिर्भर व विकसित भारत के निर्माण का बजट है। इसमें कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता देते हुए इन क्षेत्रों के लिए अनेक महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को किसानों व ग्रामीणों की ओर से धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि यह सम्पन्न, समृद्व, आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण का बजट है। इस बजट में समाज के हर वर्ग के कल्याण का ध्यान रखा गया है। यह एक दूरदर्शी बजट है। इसमें हर क्षेत्र को कवर किया गया है।

शनिवार को कृषि भवन में आयोजित

पत्रकार वार्ता में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस बजट में ग्रामीण विकास के लिए 1 लाख 88 हजार 754 करोड़ 53 लाख रुपये वर्ष 2025.26 के लिए अब तक का सर्वाधिक आवंटन है। इससे पहले 1 लाख 77 हजार करोड़ रुपये का बजट आंबटित हुआ था। मनरेगा के लिए 86हजार करोड़ रुपये का प्रावधान हुआ है जोकि ग्रामीण मजदूरों को रोजगार देने का सबसे बड़ा साधन है। 3 करोड़ लखपति दीदी में से 1 करोड़ 15 लाख से ज़्यादा दीदियां लखपति दीदी बन चुकी हैं। इसी काम को आगे बढ़ाने के लिए बजट में 19 हजार 5 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया गया है जोकि अब तक का सर्वाधिक आवंटन है।

उन्होंने कहा कि हम महिलाओं के सशक्तिकरण व ग़रीबी दूर करने के लिए एक और कदम आगे बढ़ने वाले हैं। ग़रीबी मुक्त भारत के लिए ग़रीबी मुक्त गांव का ही संकल्प है। बजट में ग्रामीण क्रेडिट स्कोर की भी घोषणा की गई है। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का क्रेडिट स्कोर घोषित होगा तो उनको आसानी से बैंकों से अधिक लोन मिल सकेगा। बजट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए लगभग 19 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है।

चौहान ने कहा कि आज भी कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसानों के कल्याण और खेती के विकास पर बजट में सर्वाधिक ध्यान दिया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड किसानों के लिए वरदान है। किसान क्रेडिट कार्ड के अंतर्गत ऋण की सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया गया है। प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना प्रारंभ की जाएगी, जहां कृषि उत्पादकता कम है, ऐसे 100 जिलों में कम उत्पादकता के कारणों का पता करेंगे। बीज, कीटनाशक, उवर्रक जैसे बेहत्तर इनपुट कैसे और कितना डालें इसके लिए भी किसानों को गाइड किया जायेगा। पानी का कुशल प्रबंधन, फसल का विविधिकरण, प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस की चेन, ऋण आदि से ना केवल कृषि की उत्पादकता बढ़ेगी बल्कि ऐसे ज़िलों में लगभग 1 करोड़ 70 लाख किसानों की आय वृद्वि का कारण बनेगी व फसल के बाद नुकसान भी कम होंगे, इसके प्रयत्न किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बजट में अच्छी उपज देने वाले बीजों के लिए वित्त मंत्री ने राष्ट्रीय बीज मिशन की घोषणा की है।

शिवराज सिंह ने मखाना के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बिहार में मखाना बोर्ड का गठन करने के निर्णय का स्वागत किया। कृषि विभाग ने उसके लिए अनेकों कदम उठाये जाने का फैसला किया है। वित्त मंत्री ने समग्र विकास की बात आज बजट में की है। उन्होंने कहा कि बागवानी के उत्पादन की गति को भी बढ़ाना है। टीओपी यानि टमाटर, प्याज और आलू की फसलों के भी ठीक दाम मिलें, उसके भी प्रयत्न करेंगे। किसानों को फसलों के ठीक दाम मिल सकें, इसके भी प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि इन सभी प्रयत्नों से कृषि में लगे करोड़ों किसानों की आय बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत से ग़रीबी दूर करने के लिए यह बजट बहुत प्रभावी उपकरण सिद्व होगा। यह बजट ग्रामीण भारत की तस्वीर भी बदलेगा और किसान की तकदीर भी बदलेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

   

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