गुरुग्राम: प्रॉपर्टी बुकिंग के लिए विजिटिंग कार्ड पर रसीद बना हड़प लिए लाखों रुपये

-पीडि़त की शिकायत पर पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई

-पीडि़त ने डीसीपी साउथ जोन से लगाई न्याय की गुहार

गुरुग्राम, 5 दिसंबर (हि.स.)। कॉमर्शियल यूनिट बुक करने के नाम पर एक व्यक्ति के साथ धोखाधड़ी व जालसाजी कर ली गई। पीडि़त की तरफ से पीडि़त समीर बंसल ने डीसीपी साउथ जोन को लिखित में शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई है।

समीर बंसल पुत्र स्वर्गीय महेश प्रसाद बंसल निवासी पाश्र्वनाथ ग्रीन विले सोहना रोड गुरुग्राम ने गुरुवार को बताया कि उन्होंने अपने व अपनी माता सुषमा बंसल के नाम से एक कॉमर्शियल यूनिट नंबर-210 द्वितीय फ्लोर सिटीसकैप, सेक्टर-66, गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड में बुक कराया था। जिसके लिए उनसे कपूर एंड थापर रियलटी सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड में काम करने वाले प्रॉपर्टी एजेंट फानेश्वर त्रिपाठी के माध्यम से कंपनी के डायरेक्टर रवीश कपूर के माध्यम से उन्होंने यह दुकान बुक कराई थी। तब उपरोक्त दोनों 20 नवंबर 2012 को उनके निवास पर आए और 3 लाख रुपए नकद रूप में लेकर अपने विजिटिंग कार्ड पर धनराशि प्राप्ति की। वे रसीद देकर चले गए। दूसरी बार में 30 नवंबर 2012 को 3 लाख 92 हजार 580 रुपए नकद रूप में लिए। इस बार भी विजिटिंग कार्ड पर ही रसीद बनाकर दे दी और कहा कि आपकी कुल 6 लाख 92 हजार 580 रुपए की राशि बिल्डर के पास जमा करा देंगे।

पीडि़त पक्ष का आरोप है कि इसके बाद उपरोक्त दोनों आरोपी 10 दिसंबर 2012 को उनके पास आए और कहा कि अब एक लाख 96 हजार 350 रुपए के साथ आवेदन पत्र फार्म अलॉटमेंट के लिए भरकर दे दो। आपका काम हो गया है। जिस पर उन्होंने उपरोक्त राशि का एक चेक अलॉटमेंट के लिए आवेदन पत्र के साथ दे दिया। जिसके बाद उन्होंने पीडि़त को 22 जुलाई 2013 को प्रोविजनल अलॉटमेंट लेटर दे दिया। जिसमें उनके द्वारा दी गई नकद व चेक राशि का कोई विवरण, हवाला नहीं दिया गया। पीडि़त समीर बंसल का आरोप है कि उससे झांसे में लेकर कई बार में कुल 15 लाख 21 हजार 955 रुपए की धनराशि ले ली और दुकान देने में टालमटोल करते रहे। पता चला है कि रवीश कपूर, आकाश कपूर और गौरव खंडेलवाल ने मिलकर फानेश्वर त्रिपाठी को मोहरा बनाकर उनकी दी गई राशि को हड़प लिया। समीर बंसल ने डीसीपी साउथ जोन से आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

आरोपियों को गिरफ्तार कर ठगी की गई रकम की बरामदगी की गुहार लगाई है। पीडि़त का यह भी कहना है कि वह पुलिस थाने में कई बार शिकायत देने के बावजूद शिकायत पर हुई कार्रवाई जानने के लिए बार-बार थाने के चक्कर काटता रहा, लेकिन थाना प्रभारी ने टालमटोल करते रहे। उसकी शिकायत को ही रददी की टोकरी में डाल दिया।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर हरियाणा

   

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