परनोट आपदा का वैज्ञानिक मूल्यांकन, प्रभावित लोगों के पुनर्वास की मांग

जम्मू, 30 अप्रैल (हि.स.)। पूर्व एमएलसी विक्रमादित्य सिंह ने परनोट आपदा का वैज्ञानिक मूल्यांकन करने और प्रभावित लोगों के पुनर्वास की मांग की है। मीडियाकर्मियों को जारी एक बयान में, पूर्व एमएलसी ने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता प्रभावित क्षेत्र के सभी निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करना और उन्हें पर्याप्त मुआवजा देना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ये लोग अपने जीवन को फिर से शुरू कर सकें और एक बार फिर से आगे बढ़ सकें। उन्होंने परनोट गांव के 500 से अधिक पीड़ितों द्वारा पर्याप्त मुआवजे और राहत और उनके स्थायी पुनर्वास के लिए सुरक्षित स्थानों पर भूमि की मांग को लेकर उठाई गई मांगों का पूरा समर्थन किया।

विक्रमादित्य ने बताया कि इसी तरह की घटना 6 सितंबर 2014 को उधमपुर जिले के सद्दल-पंजर गांव में हुई थी, जिसमें भूस्खलन की घटना में 40 लोगों की मौत हो गई थी और 65 घर क्षतिग्रस्त हो गए थे। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड जैसे अन्य राज्यों में भी इसी तरह के अभूतपूर्व मामले बड़े खतरे का संकेत हैं। उन्होंने मांग की कि सरकार को इस आपदा के पीछे के सटीक कारण का पता लगाने के लिए देश के शीर्ष स्तर के विशेषज्ञों को शामिल करना चाहिए और निकट भविष्य में ऐसी आपदाओं को रोकने के लिए कारणों के साथ-साथ उपाय भी तलाशने चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान

   

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