आदिवासियों के हित में बने क़ानून का भाजपा और कांग्रेस दोनों उल्लंघन कर रही : अरविन्द नेताम

रायगढ़ , 3 मई (हि.स.)। छत्तीसगढ़ अलग राज्य जरूर बन गया परन्तु यहां के मूल निवासी आदिवासियों की हालत में कोई सुधार नहीं आया। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने आदिवासियों की मांग पर ध्यान नहीं दिया। यही वजह है कि आदिवासियों की मांग को संसद व विधानसभा तक पंहुचाने हमर राज पार्टी का गठन किया गया है। यह बाते वरिष्ठ आदिवासी नेता व हमर राज पार्टी के संस्थापक अरविन्द नेताम ने मीडिया से चर्चा करते हुए कही। नेताम ने रायगढ़ लोकसभा से कांग्रेस उम्मीदवार मेनका देवी सिंह की जाति पर भी सवाल खडे़ करते हुए कहा कि आदिवासी समाज के क़ानून में वे अब आदिवासी वर्ग से नहीं है इसलिए उन्हें चुनाव नहीं लड़ना था।

हमर राज पार्टी के संस्थापक व पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविन्द नेताम शुक्रवार को रायगढ़ प्रवास पर रहे। इस दौरान उन्होंने अपनी पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार किया। वहीं हमर राज पार्टी की ओर से रैली भी शहर में निकाली गयी। वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविन्द नेताम ने पार्टी की ओर से आयोजित पत्रकारवार्ता में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ बनने के बाद भी आदिवासियों की कोई मांग पूरा नहीं हुई। आदिवासियों की ओर कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही ध्यान नहीं दिया। यही वजह है कि उन्होंने आदिवासी समाज को चुनावी मैदान में अलग से उतरने का फैसला किया, जिसमें आदिवासी के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठा सके। हालांकि हमने सभी समाज को लेकर हमर राज पार्टी का गठन किया है। हमारी लड़ाई संवैधानिक है व अस्तित्व की लड़ाई है। भविष्य में भी कोई भी सरकार हो हमारी नहीं सुनेंगे तो आंदोलन होगा।

नेताम ने कहा कि चाहे कोई भी पार्टी हो यदि सरकार समाज के खिलाफ जाती है तो जनप्रतिनिधि उस पर कोई आवाज नहीं उठाते बल्कि यह बंधुआ मजदूर की तरह हो गए हैं। देश में आदिवासियों के हित में पेशा क़ानून बना है लेकिन जिसे कांग्रेस ने बनाया उस क़ानून को बघेल सरकार ने ही खत्म कर दिया। वहीं रायगढ़ लोकसभा से कांग्रेस उम्मीदवार मेनका सिंह की जाति पर सवाल खडे़ करते हुए नेताम ने कहा कि भले ही सारंगढ़ परिवार हमारे गोत्र के हैं, लेकिन मेनका ने दूसरी जाति में विवाह किया है ऐसे में आदिवासी समाज के क़ानून के हिसाब से वे रिजर्व सीट के लिए पात्र नहीं है। लिहाजा उन्हें चुनाव नहीं लड़ना था। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस पर विस्तृत टिप्पणी करते हुए कहा कि इस मामले में दो पहलू है, जिसमें पहला यह है कि सामाजिक क़ानून के लिहाज से अब मेनका सिंह आदिवासी नहीं है।

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में इस विषय को चुनौती देनी चाहिए। वहीं वर्तमान में आदिवासी मुख्यमंत्री होने के संबंध में पूछे जाने पर नेताम ने कहा कि विष्णुदेव साय ज़ब सीएम बने तो हम बधाई देने गये थे और उन्हें कहा था कि पहली बार असली आदिवासी मुख्यमंत्री बना है, लेकिन यह कुर्सी आपके लिए धर्म संकट हो सकती है। चूंकि आप आदिवासी है और भाजपा में समाज को लेकर वैचारिक मतभेद है। परन्तु ज़ब भी पार्टी और समाज को लेकर आप संकट में आएंगे हम आपको रास्ता दिखाएंगे।

इस दौरान हमर राज पार्टी के महामंत्री विनोद नागवंशी, रायगढ़ जिला संयोजक बी नागेश व पार्टी उम्मीदवार अल्बर्ट मिंज सहित पार्टी के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/ रघुवीर प्रधान

   

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