स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज का संन्यास दीक्षा व पट्टाभिषेक दिवस समारोह उल्लासपूर्वक मनाया

हरिद्वार, 10 मई (हि.स.)। श्री सूरत गिरि बंगला गिरिशानंद आश्रम के परमाध्यक्ष महामण्डलेश्वर आचार्य स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि महाराज का 43वां संन्यास दीक्षा व 29वां पट्टाभिषेक दिवस समारोह उल्लासपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार का भी आयोजन किया गया, जिसमें 26 बटुकों का यज्ञोपवीत संस्कार हुआ।

इस अवसर पर अक्षय तृतीया की महिमा को बताते हुए स्वामी विश्वेवश्वरानंद गिरि महाराज ने कहा कि जिसका कभी क्षय न हो वही अक्षय है। इस दिन किए गए पाप व पुण्य कभी क्षय नहीं होते। यह दिन सर्वार्थ सिद्ध का दिन है। इसी दिन चिरंजीवी भगवान परशुराम अवतरित हुए थे। सतयुग व त्रेता युग का भी इसी दिन शुभारम्भ हुआ था। इस कारण से यह दिन सिद्धि प्राप्ति का दिन है।

उन्होंने यज्ञोपवीत संस्कार करवाने वाले बटुकों को आशीर्वाद देते हुए संध्योपासना व विद्याध्ययन मन लगाकर करने की बात कही। इससे पूर्व गुरुजन व आदी भगवान शंकराचार्य के श्रीविग्रहों का पूजन-अर्चन किया गया। तत्पश्चात यज्ञ का आयोजन हुआ और 26 बटुकों का यज्ञोपवीत संस्कार कराया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/वीरेन्द्र

   

सम्बंधित खबर