परिवारवाद भ्रष्टाचार नहीं , विकास की बात करने वाली सरकार चुनेंगे बुंदेले

महोबा, 12 मई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में 20 मई को लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में मतदान होना है। जिसके लिए सभी राजनीतिक दल और उनके प्रत्याशी मतदाताओं को लुभाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं और चुनावी माहौल अपने-अपने पक्ष में बनाने में लगे हुए हैं। ऐसे में मतदाता भी बिना जातिगत राजनीति के विकास और राष्ट्रवाद की राजनीति की बात कर रहा है।

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड की हमीरपुर महोबा तिंदवारी संसदीय सीट में पांच विधानसभाएं आती हैं। जिसमें महोबा सदर, चरखारी, हमीरपुर सदर, राठ और बांदा जनपद की तिंदवारी विधानसभा शामिल है।

इस चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशी अपने भाग्य विधाता मतदाताओं को रिझाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं और मतदाताओं को तरह-तरह का प्रलोभन भी दे रहे हैं। चुनावी समर में ताल ठोंक रहे प्रत्याशी जातिगत मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए जातिगत समीकरण भी बना रहे हैं तो कोई परिवर्तन की बात कर रहा है। भाजपा ने यहां से लोकसभा चुनाव में दो बार जीत दर्ज कर चुके सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल पर तीसरी बार भी भरोसा जताया है तो वही इंडी गठबंधन ने समाजवादी पार्टी से अजेंद्र सिंह राजपूत को प्रत्याशी बनाया है और बहुजन समाज पार्टी ने निर्दोष दीक्षित को अपना उम्मीदवार बनाया है। निर्दोष दीक्षित कांग्रेस को छोड़कर हाथी की सवारी कर रहे हैं।

जनपद मुख्यालय के गांव शाह पहाड़ी निवासी देवकी महाराज का कहना है कि पूर्व की सरकारों में दंगा फसाद होता था, देश में कहीं भी आतंकी हमला हो जाता था, देशवासी अपने आप को असुरक्षित महसूस करने लगे थे। लेकिन अब देश विकास की ओर अग्रसर है और हमें भारत देश को विकसित राष्ट्र बनाने वाली सरकार चुननी है।

जनपद मुख्यालय के गांधीनगर निवासी पंडित वीरेंद्र कुमार शुक्ला का कहना है कि यह नया भारत है देश की ओर आंख उठाने वाले को घर में घुसकर मारता है। मुख्यालय के सुभाष नगर निवासी पुष्पा प्रजापति का कहना है कि हर गरीब को राशन मिल रहा है, रहने को छत मिल रही है, खाना बनाने को गैस सिलेंडर मिल रहा है और किसानों को सम्मान निधि मिल रही है। इन सब से एक गरीब आदमी को बेहतर जीवन मिला है। गरीबी मिटाने वाली सरकार को वह फिर से चुनेंगी।

उन्होंने कहा कि अन्य राजनीतिक दलों की सरकारों में एक ही परिवार के कई नेता हावी होते हैं। इस बार भी परिवारवाद की राजनीति खत्म करने वाली सरकार चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/उपेंद्र/राजेश

   

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