जालोर में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर हाईकोर्ट की रोक, नहीं तोड़े जाएंगे घर

जालोर, 17 मई (हि.स.)। ओडवाड़ा गांव में चल रही अतिक्रमण की कार्रवाई पर जोधपुर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। जस्टिस विनीत माथुर की बैंच ने 29 लोगों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया। याचिकाकर्ताओं के वकील श्याम पालीवाल ने कोर्ट में कहा कि हमारे पास पट्टा है, सनद है तथा पिछले 80 सालों से हम उन मकानों में रह रहे हैं। इन मकानों में हमारे परदादा- दादा से लेकर हम लोग रहते आ रहे हैं। इतना ही नहीं इन मोहल्लों में राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार ने भी वेलफेयर डेवलपमेंट किया है। बिजली पानी के कनेक्शन भी दिए हुए हैं। ऐसे में एक व्यक्ति की पिटिशन पर हमें अतिक्रमी नहीं माना जा सकता है। सुनवाई के बाद इस पर हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के आदेश पर रोक लगाते हुए आदेश की पालना का निर्देश दिए। सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश पंवार ने पक्ष रखा।

जिला कलेक्टर पूजा पार्थ का कहना है कि पूरे मामले को दिखवाया जा रहा है। जिला परिषद सीईओ को इस मामले में निर्देशित किया गया है। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के नए आदेशों के बारे में अभी जानकारी मिली है, लेकिन कॉपी अब तक नहीं मिली है। हमारी कोशिश रहेगी कि किसी को भी बेघर नहीं होने दिया जाएगा। चारागाह भूमि पर कैसे पट्टे और बिजली के कनेक्शन दिए गए। ये भी दिखवाया जा रहा है। इस पूरे मामले को लेकर आहोर (जालोर) के विधायक छगन सिंह राजपुरोहित ने सीएम भजनलाल शर्मा से मुलाकात की थी। राजपुरोहित ने मुख्यमंत्री से गांव को उजड़ने से रुकवाने का आग्रह किया था। विधायक ने ओडवाड़ा के मामले पर उन्हें ज्ञापन भी सौंपा था। विधायक छगन सिंह राजपुरोहित ने कहा कि ओडवाड़ा ग्रामवासियों से मिलकर कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी। ओडवाड़ा गांव की 35 एकड़ भूमि को हाईकोर्ट ने चारागाह क्षेत्र मानते हुए यहां से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद 268 मकानों और बाड़ों को हटाने के लिए गुरुवार से कार्रवाई शुरू की गई थी। पहले दिन 70 से अधिक मकानों की चारदीवारी को तोड़ा गया। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की एक टीम भी आज मौके पर पहुंचेगी। इस मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने चार लोगों की एक कमेटी का गठन कर रखा है।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर

   

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