लोस चुनाव : बौद्ध नगरी श्रावस्ती से किसे मिलेगा जीत का आशीर्वाद

लखनऊ, 21 मई (हि.स.)। श्रावस्ती को बौद्ध नगरी के नाम से दुनियाभर में विशेष रूप से पहचाना जाता है। प्राचीन काल में यह कौशल देश की दूसरी राजधानी थी। भगवान राम के पुत्र लव ने इसे अपनी राजधानी बनाया था। श्रावस्ती बौद्ध और जैन दोनों का तीर्थ स्थान है। उप्र की संसदीय सीट संख्या 58 श्रावस्ती में छठे चरण के तहत 25 मई को मतदान होगा।

श्रावस्ती संसदीय सीट का इतिहास

श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र का इतिहास दो भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई व राष्ट्र ऋषि नाना जी देशमुख से जुड़ा हुआ है। वर्ष 2004 के लोकसभा चुनावों तक यह बलरामपुर लोकसभा क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। अटल व नाना जी इसी लोकसभा क्षेत्र से पहली बार सांसद बने थे। नए परिसीमन में वर्ष 2009 में श्रावस्ती जिले की दो विधानसभा भिनगा व श्रावस्ती तथा बलरामपुर जिले की तीन विधानसभा तुलसीपुर, बलरामपुर सदर व गैसड़ी क्षेत्र को जोड़कर श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र का गठन हुआ। अब तक के इतिहास पर नजर डालें तो यहां हर चुनाव के बाद सांसद के चेहरे बदलते रहे हैं। नए परिसीमन के बाद अब तक हुए कुल तीन चुनाव में कांग्रेस भाजपा व बसपा के खेमे के सांसद चुने जा चुके हैं। परिसीमन के बाद 2009 में यहां पहला आम चुनाव हुआ। पहले चुनाव में कांग्रेस के विनय कुमार पांडेय उर्फ बिन्नू यहां से जीते। 2014 के आम चुनाव में मोदी लहर में यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दद्दन मिश्रा ने जीत का कमल खिलाया। 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राम शिरोमणि वर्मा ने जीतकर कुर्सी पर कब्जा किया।

पिछले दो चुनावों का हाल

2019 के लोकसभा चुनाव में श्रावस्ती संसदीय सीट पर बसपा के राम शिरोमणि वर्मा और भाजपा के दद्दन मिश्रा के बीच मुकाबला हुआ था। राम शिरोमणि कड़े मुकाबले में मात्र 5320 वोटों के अंतर से जीते। राम शिरोमणि ने 441,771 (44.3 प्रतिशत)वोट हासिल किए जबकि दद्दन मिश्रा के खाते में 436,451 (43.77 प्रतिशत) वोट आए। सपा और बसपा के बीच चुनावी गठबंधन था। जबकि कांग्रेस के धीरेंद्र प्रताप सिंह तीसरे स्थान पर रहे और उन्हें 58,042 (5.82 प्रतिशत) वोट ही मिले।

बात 2014 के चुनाव की कि जाए तो इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी दद्दन मिश्रा ने 85 हजार से वोटों के अंतर से जीत हासिल की। दद्दन मिश्रा के खाते में 345,964 (35.30 प्रतिशत) वोट आए। सपा के प्रत्याशी अतीक अहमद 260,051 (26.53 प्रतिशत) वोट मिले। पीस पार्टी और कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे और चौथे स्थान पर रहे। बसपा के लाल जी वर्मा 194,890 (19.88 प्रतिशत) वोटों से तीसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) की तुलना में पीस पार्टी को ज्यादा वोट मिले और वह चौथे स्थान पर रही। आप के उम्मीदवार रत्नेश 2,578 (0.26 प्रतिशत) वोट सबसे नीचे रहे।

किस पार्टी ने किसको बनाया उम्मीदवार

इस सीट पर भाजपा ने राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के बेटे उप्र विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) साकेत मिश्र को उम्मीदवार बनाया है। जबकि इंडिया गठबंधन की तरफ से सपा ने इस सीट पर रामशिरोमणि वर्मा को उम्मीदवार बनाया है। साल 2019 लोकसभा चुनाव में रामशिरोमणि शर्मा बीएसपी के टिकट पर सांसद चुने गए थे। बसपा ने इस बार इस सीट पर मुस्लिम कैंडिडेट पर भरोसा जताया है और मुईनुद्दीन अहमद खां उर्फ हाजी द्ददन खां को मैदान में उतारा है।

श्रावस्ती सीट का जातीय समीकरण

श्रावस्ती लोकसभा क्षेत्र में करीब 20 लाख मतदाता है। जातीय समीकरण की बात करें तो इस सीट में पांच लाख से ज़्यादा मुस्लिम, दो लाख से ज़्यादा कुर्मी वोटर और ढाई लाख ब्राह्मण मतदाताओं के चलते इस सीट पर दिलचस्प सियासी मुक़ाबला है।

विधानसभा सीटों का हाल

श्रावस्ती लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा सीटें शामिल है। इसमें भिनगा, श्रावस्ती, तुलसीपुर, गैसड़ी और बलरामपुर सदर शामिल हैंं। भिनगा और गैसड़ी पर सपा और बाकी तीन सीटों पर भाजपा काबिज है।

जीत का गणित और चुनौतियां

भाजपा प्रत्याशी साकेत मिश्रा लोकसभा का अपना पहला चुनाव इंडी गठबंधन के अनुभवी उम्मीदवार और निवर्तमान सांसद राम शिरोमणि वर्मा से है। नीति आयोग की लेंस से देखेंगे तो श्रावस्ती का नाम गरीबी इंडेक्स में अव्वल नंबर पर है। लिहाजा साकेत मिश्रा यहां प्रधानों को समझा रहे हैं कि अगर वो सांसद बनते हैं तो बड़े विजन के साथ यहां के पिछड़ेपन को दूर करेंगे। भाजपा पिछले लोकसभा चुनाव में भी अंदरूनी कलह का शिकार हुई थी और कम वोटों से भाजपा प्रत्याशी दद्दन मिश्रा को चुनाव हारना पड़ा था। बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी मैदान में उतारकर लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है।

राजनीतिक समीक्षक जे0पी0 गुप्ता के अनुसार, भाजपा के आंतरिक कलह का फायदा पिछले चुनाव में बसपा को मिला था। भाजपा अगर आंतरिक कलह को कंट्रोल कर ले गई तो यहां कमल खिलने की संभावना बढ़ जाएगी।

श्रावस्ती से कौन कब बना सांसद

2009 विनय कुमार पांडेय उर्फ बिन्नू (कांग्रेस)

2014 दद्दन मिश्रा (भाजपा)

2019 राम शिरोमणि वर्मा (बसपा)

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. आशीष वशिष्ठ/राजेश

   

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