नटरंग ने कश्मीर में 'लोकतंत्र का असली मंत्र' के पांच शो आयोजित किए

जम्मू, 22 मई (हि.स.)। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन कार्यालय और अनंतनाग तथा शोपियां के जिला निर्वाचन कार्यालयों के सहयोग से नटरंग ने स्वीप के तहत बलवंत ठाकुर के अत्यधिक प्रशंसित नाटक 'लोकतंत्र का असली मंत्र' के पांच शो का मंचन किया, जिसका उद्देश्य मजबूत लोकतंत्र के लिए मतदाताओं को अधिक भागीदारी के लिए प्रेरित करना था। शो गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, शोपियां, गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, ज़ैनापोरा (शोपियां), बॉयज़ हायर सेकेंडरी स्कूल, बिजबेहारा (अनंतनाग), गवर्नमेंट कॉलेज फॉर वुमेन, अनंतनाग और बॉयज़ हायर सेकेंडरी स्कूल, दोरू (अनंतनाग) में आयोजित किए गए। इस अवसर पर नटरंग के निदेशक बलवंत ठाकुर ने यह मौका प्रदान करने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी पांडुरंग के पोल और अनंतनाग और शोपियां के संबंधित जिला विकास आयुक्तों को धन्यवाद दिया।

नाटक 'लोकतंत्र का असली मंत्र' भ्रष्टाचार, घोटालों और बेईमानी की दूषित हवा में जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे निराश, हताश युवाओं की आक्रामकता से शुरू होता है। उन्हें भविष्य में कोई उम्मीद नज़र नहीं आती क्योंकि उनका वर्तमान भ्रष्ट व्यवस्था द्वारा बर्बाद किया जा रहा है। वे गुस्से में अपने आस-पास की हर चीज को तबाह कर देना चाहते हैं, लेकिन जब एक शिक्षित व्यक्ति ने उनसे सवाल किया कि 'वे इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति से बाहर आने के लिए क्या कर रहे हैं?' सोशल मीडिया द्वारा बनाई गई अपनी मायावी दुनिया में व्यस्त, वे अवाक हैं क्योंकि वे बस चाहते हैं कि चीजें अपने आप हों लेकिन उस बदलाव का हिस्सा बनने के लिए तैयार नहीं हैं और बिना किसी आवश्यक प्रयास के सब कुछ चाहते हैं।

शिक्षित व्यक्ति उन्हें दुनिया का सबसे जीवंत मानव संसाधन बताते हुए आगे आने, कमान संभालने और अपना भाग्य बदलने के लिए प्रेरित करता है। किसी देश का भाग्य बदलने का सबसे प्रभावी तरीका मतदान का तरीका है। जैसे-जैसे नाटक आगे बढ़ता है, विभिन्न आयु समूहों और विभिन्न वर्गों के लोगों को व्यंग्यपूर्ण ढंग से दिखाया जाता है जिनके पास वोट न देने के अपने छोटे-मोटे कारण होते हैं और यह भी कि किसे वोट देना है। जनता की यह अज्ञानता और अहंकार निहित स्वार्थों के लिए इस स्थिति का फायदा उठाने के लिए बहुत बड़ी जगह छोड़ देता है। इस नाटक के माध्यम से समाज के सभी वर्गों को प्रेरित किया गया कि वे भारत के मजबूत लोकतंत्र के लिए मतदान करने की अपनी अंतिम जिम्मेदारी से न भागें। वोट ही देश का भाग्य बदलने की एकमात्र और अंतिम शक्ति है और इस नाटक के माध्यम से सभी को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करता है कि प्रत्येक नागरिक का वोट का यह अधिकार व्यर्थ नहीं जाना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान

   

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