दो फाड़ होने की कगार पर शम्भू आवाहन अखाड़ा

-पदाधिकारी बनाने के नाम पर रुपयों के लेनदेन के आरोप

हरिद्वार, 28 मई (हि.स.)। अब एक नया विवाद श्री पंच शम्भू आवाहन अखाड़े में भी उपजना शुरू हो चुका है। इस उपजे विवाद के कारण अखाड़ा कभी भी दो फाड़ हो सकता है। जैसा की पूर्व में उदासीन अखाड़ा दो फाड़ होकर उदासीन बड़ा और नया उदसीन अखाड़े के रूप में जन्म ले चुका है।

अखाड़े की प्राचीन परम्पराओं के विरुद्ध कार्य किए जाने का आरोप लगाते हुए आवाहन अखाड़ा के श्रीमहंत गोपाल गिरि महाराज ने बताया कि श्री पंच अखाड़ा की प्राचीन परम्पराओं के विपरीत कार्य कर रहे हैं। 1 जून को आवाहन अखाड़ा के शम्भू पंच व श्री पंच को लेकर हरिद्वार में बैठक होने जा रही है। यदि इस बैठक में आम सहमति नहीं बनती है, तो अखाड़ा के दो फाड़ होने से कोई नही रोक सकता है। उनका कहना था कि वर्तमान हालातों को देखते हुए अखाड़ा श्री शम्भू पंच दशनाम आवाहन नागा सन्यासी व श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा दो भागाें में बंटना सुनिश्चित है।

शम्भू पंच का श्री पंच पर आरोप है कि वह अखाड़ा के प्राचीन नियमों के विपरीत कार्य करते हुए श्री महन्त, थानापति और रमता पंच के श्री महन्त के लिये नियम विरुद्ध पैसाें का लेनदेन कर नियुक्त करने की कोशिश में हैं। उन्होंने कहाकि जिन संतों का पदाधिकारी बनने का नम्बर है, श्री पंच उन्हें दर किनार करना चाहते हैं।

गौरतलब है कि अखाड़ों की राजनीति में पद के बदले रुपये लेने के आरोप समय-समय पर लगते रहे हैं। अखाड़े के पदाधिकारी बनाने के अतिरिक्त महामण्डलेश्वर बनाने लिए लाखों का लेनदेन होता है। उज्जैन में इसी मामले में धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार हुईं श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी की निष्कासित मण्डलेश्वर मंदाकिनी पुरी इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। आचार्य महामण्डलेश्वर के नाम पर तो करोड़ों का लेनदेन होने के आरोप लग भी चुके हैं। अखाड़ा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत चेतनानंद गिरि महाराज से सम्पर्क नहीं हो पाया।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/रामानुज

   

सम्बंधित खबर