कस्टम मिलिंग घोटाला : प्रदेश राइस एसोसिएशन के पूर्व महासचिव के ठिकानों पर ईडी की दबिश

रायपुर, 31 मई (हि.स.)। छत्तीसगढ़ में कस्टम मिलिंग घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने गुरुवार शाम रायपुर और दुर्ग में दो-दो तथा खरोरा में एक स्थान पर छापामार कार्रवाई की है। यह कार्रवाई शुक्रवार सुबह भी जारी रही है।ईडी द्वारा गिरफ्तार रोशन चंद्राकर से पूछताछ में मिली जानकारी के बाद यह छापामार कार्रवाई की गई है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार राइस कारोबारी और छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस एसोसिएशन के पूर्व महासचिव प्रमोद अग्रवाल के ठिकाने पर दबिश दी गई।

ईडी की टीम ने उनके राइस मिल, ऑफिस और निवास पर छापा मारा है। कारोबारी प्रमोद अग्रवाल के खरोरा और रायपुर स्थित ठिकानों पर दबिश दी गई है।

दुर्ग में एक कारोबारी के 2 ठिकानों पर छापा मारा गया है।

राज्य के कस्टम मिलिंग घोटाले में पूर्व एमडी मनोज सोनी और राइस मिलिंग के पूर्व कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर की गिरफ्तारी के बाद कई अन्य लोगों के नाम सामने आए हैं।इसके बाद अब ईडी ने छापामार कार्रवाई की है। इस मामले की ईडी जांच में पाया गया है कि खरीफ वर्ष 2021-22 तक सरकार द्वारा धान का प्रति क्विंटल 40 रुपये भुगतान किया गया।धान की कस्टम मिलिंग के लिए दी जाने वाली रकम सरकार ने तीन गुनी बढ़ा दी। 120 रुपये प्रति क्विंटल धान का भुगतान दो किश्तों में किया गया। आरोप है कि अफसरों ने आधी रकम मार्कफेड के एमडी मनोज सोनी के साथ मिलकर वसूल ली।

एमडी द्वारा केवल उन्हीं के बिलों को भुगतान के लिए मंजूरी दी गई, जिन्होंने नकद राशि का भुगतान किया। विशेष भत्ता 40 रुपये से बढ़ाकर 120 रुपये क्विंटल करने के बाद प्रदेश में 500 करोड़ रुपये के भुगतान जारी किए गए, जिसमें से 175 करोड़ रुपये की रिश्वत वसूली गई।अधिकारियों ने बताया है कि तलाशी में विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और एक करोड़ की बेहिसाब नकद राशि जब्त की है।

हिन्दुस्थान समाचार / केशव शर्मा / गेवेन्द्र

   

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