कोरोनाकाल में गुल्लक तोड़कर 51 हजार दान दिए थे, अब नीट की परीक्षा में झंडे गाड़े तान्या ने

जैसलमेर, 5 जून (हि.स.)। शहर की तान्या भाटी ने नीट की परीक्षा में झंडे गाड़ते हुए 720 में 670 अंक हासिल किए हैं। नीट में सिलेक्शन होने पर तान्या और उसके परिवार वालों को सभी बधाई दे रहे हैं। तान्या का कहना है कि वे डॉक्टर बनकर जैसलमेर में ही आना चाहती हैं और यहां के लोगों की सेवा करना चाहती हैं। बचपन से ही उसका सपना डॉक्टर बनने और चिकित्सा के क्षेत्र में पिछड़े जैसलमेर जिले में गरीबों की सेवा करने का रहा है। फिलहाल तान्या अपने ननिहाल अजमेर में हैं और परिवार के साथ छुटि्टयां इंजॉय कर रही है। तान्या के पिता याक़ूब अली भाटी का कहना है कि वे चाहते हैं उनकी बेटी जैसलमेर का नाम रोशन करे और जिले के गरीब लोगों कि डॉक्टर बनकर सेवा करे।

7 से 16 घंटे लगातार पढ़ाई

तान्या ने बताया कि 10वीं कि परीक्षा पास करने के बाद वो सीकर चली गई और वहीं से अपनी पढ़ाई जारी रखी। अपने डॉक्टर बनने के सपने को पूरा करने के लिए सात घंटे लगातार पढ़ाई की। हाल ही उसने 12वीं की पढ़ाई के साथ साथ नीट की तैयारी भी की। इस दौरान तान्या ने बताया कि उसने सात घंटे से 16 घंटे तक पढ़ाई की। सब कुछ छोड़कर केवल अपनी पढ़ाई में ही ध्यान दिया। लगातार 16 घंटे पढ़ाई का नतीजा निकला कि उसने 720 में 670 नंबर लाकर नीट पहली ही बार में क्लियर किया। तान्या ने बताया कि पढ़ाई उसके लिए बहुत इंपोर्टेंट थी। उसके माता-पिता का उस पर भरोसा था। इसलिए उसने पढ़ाई के साथ-साथ मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं किया। सोशल मीडिया का उपयोग भी नहीं कर रही तान्या ने बताया कि इससे पढ़ाई से मन भटक सकता है। इसलिए उसने सोशल मीडिया से दूरिया बनाए रखी।

कोरोना में गुल्लक तोड़कर किया था दान

तान्या ने कोरोना काल के समय आठवीं कक्षा में पढ़ाई करते हुए कलेक्टर को अपने गुल्लक में इकट्ठे 51 हजार रुपए सहायता में दिए थे। तान्या ने बताया कि वो शुरू से ही सामाजिक सरोकार और गरीबों की मदद करना चाहती थी। जब कोरोना काल था उस समय उसने तत्कालीन जैसलमेर कलेक्टर नमित मेहता को अपनी गुल्लक तोड़कर अपनी पॉकेट मनी से बचाए करीब 51 हजार रुपए कोरोना काल में मदद के लिए दिए थे। वही जज्बा आज भी तान्या में कायम है और वो कहती है कि डॉक्टर बनकर वो जवाहिर हॉस्पिटल में ही गरीबों की मदद करेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/चन्द्रशेखर/ईश्वर

   

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